नई दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार, 23 जुलाई को 2024-25 का बजट पेश करेंगी। यह नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला प्रमुख बजट होगा। ऐसे में मिडिल क्लास और टैक्सपेयर्स को राहत मिलने की उम्मीद है। बजट 2024 में इनकम टैक्स के मामले में कई बदलावों की उम्मीद हैं। इनमें टैक्स स्लैब में बदलाव, स्टैंडर्ड डिडक्शन में संभावित बढ़ोतरी समेत कुछ छूट भी शामिल हैं।
न्यू टैक्स रिजीम के लिए वर्तमान स्लैब क्या हैं?
₹3 लाख तक: शून्य
₹3-6 लाख: ₹3 लाख से अधिक आय पर 5%
₹6-9 लाख: ₹15,000 + ₹6 लाख से अधिक की आय पर 10%₹
9-12 लाख: ₹45,000 + ₹9 लाख से अधिक की आय पर 15%
₹12-15 लाख: ₹12 लाख से अधिक की आय पर ₹90,000 + 20%
₹15 लाख से ऊपर: ₹1.5 लाख + ₹15 लाख से अधिक की आय पर 30%
क्या सरकार इनकम टैक्स छूट सीमा बढ़ाएगी?
कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार 0% टैक्स स्लैब को वर्तमान में 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो फिर 8.5 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले व्यक्तियों को स्टैंडर्ड डिडक्शन और धारा 87ए के तहत छूट के तहत कोई टैक्स नहीं देना पड़ सकता है।
क्या सरकार कम करेगी इनकम टैक्स की दरें?
डेलॉयट इंडिया की पार्टनर दिव्या बावेजा के हवाले से मिंट की एक रिपोर्ट में कहा गया है, “सरकार नई टैक्स व्यवस्था के भीतर टॉप टैक्स रेट को 30% से घटाकर 25% करने पर विचार कर सकती है।” रिपोर्ट में उनके हवाले से कहा गया है, “ऐसी भी अटकलें हैं कि सरकार पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत हाई टैक्स रेट की लिमिट 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर सकती है।”
क्या बढ़ेगी स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट?
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खबर है कि बजट 2024 में स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को बढ़ाया जा सकता है। इसे बढ़ाकर एक लाख रुपये तक किया जा सकता है। वर्तमान में नई और पुरानी दोनों तरह की टैक्स व्यवस्थाओं पर 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है। आपको बता दें कि केंद्रीय बजट 2018 में सैलरीड क्लास के लिए सालाना ₹40,000 की स्टैंडर्ड डिडक्शन शुरू की गई थी। इसे 2019 में बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया था और तब से अब तक इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
सेक्शन 80C की लिमिट में बदलाव की संभावना
उम्मीद की जा रही है कि बजट 2024 में सेक्शन 80C में भी बदलाव हो सकता है। बता दें कि में 80C के तहत सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये की कटौती का क्लेम किया जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार पूर्ण बजट में इस छूट को बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर सकती है। बता दें कि महंगाई बढ़ने के बावजूद सरकार ने पिछले 10 साल में 80C की लिमिट में कोई बदलाव नहीं किया है।
बजट में NPS को लेकर हो सकता है ऐलान
उम्मीद की जा रही है कि नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) धारा 80CCD 1B के तहत अतिरिक्त अतिरिक्त टैक्स छूट का दायरा बढ़ाया जा सकता है। साथ ही मैच्योरिटी पर निकासी की सीमा बढ़ाया जा सकता है, सरकार इसे EPF जैसी अन्य योजनाओं के अनुरूप ला सकती है।
हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में बदलाव संभव?
कैलाश चंद जैन एंड कंपनी के पार्टनर अभिषेक जैन के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरी इलाकों में किराये के बढ़ते खर्च के कारण मकान किराया भत्ता (एचआरए) छूट को बढ़ाना होगा। यदि एचआरए छूट बढ़ाई जाती है, तो यह टैक्स योग्य इनकम को कम करेगा।
मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम कटौती में वृद्धि होगी?
हेल्थकेयर लागत बढ़ने के कारण आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 डी के तहत चिकित्सा बीमा प्रीमियम के लिए कटौती सीमा में वृद्धि हो सकती है। वर्तमान सीमा व्यक्तियों के लिए 25,000 रुपये और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये है।