Monday, November 25, 2024
No menu items!

लंदन जा रही है ED, CBI और NIA की टीम; देश के गद्दारों और खालिस्तानियों की खैर नही

लंदन में भारतीय हाई कमीशन के बाहर खालिस्तानी समर्थकों का विरोध-प्रदर्शन,  ब्रिटिश सुरक्षा बल के जवान तैनात - Khalistan supporters Protest outside the  Indian High ...

नई दिल्‍ली । भारत (India)की संपत्ति हड़पकर देश छोड़ने वालों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियां (central agencies)बड़ा कदम उठाने जा रही हैं। विदेशों (foreign countries)में बैठे भगोड़ों को पकड़ने (Catch)के लिए इन एजेंसियों की टीमें खुद वहां जाकर कार्रवाई को पूरा करने में मदद करेंगी। डिफेंस डीलर संजय भंडारी, हीरा व्यापारी नीरव मोदी और किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमोटर विजय माल्या सहित भारत के मोस्ट वांटेड भगोड़े सालों से ब्रिटेन में बैठे हैं। अब इनके प्रत्यर्पण में तेजी लाने के लिए केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक उच्च स्तरीय टीम जल्द ही यूके के लिए रवाना हो रही है। ‘अपराध की कमाई’ को अपने कब्जे में लेने के लिए ब्रिटेन और अन्य देशों में उनकी संपत्तियों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है।

सूत्रों के हवाले से लिखा है कि टीम का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं। इसके अलावा, लंदन में भारतीय उच्चायोग द्वारा ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ इनकी बैठकें निर्धारित की गई हैं। इन बैठकों में लंदन में भगोड़ों द्वारा कमाई गई संपत्ति के बारे में पेंडिंग जानकारी और उनके बैंकिंग लेनदेन की डिटेल मांगी जाएगी।

हथियार डीलर संजय भंडारी यूपीए शासन के दौरान हुए कई रक्षा सौदों में इनकम टैक्स और ईडी द्वारा जांच शुरू करने के तुरंत बाद 2016 में भाग गया था। उसे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा का करीबी माना जाता है। ईडी के अनुसार, संजय भंडारी ने लंदन और दुबई में खूब प्रॉपर्टी कमाई थी और उसे वाड्रा के कथित सहयोगी सी सी थम्पी द्वारा कंट्रोल शेल कंपनियों को ट्रांसफर कर दिया था।

संजय भंडारी, नीरव मोदी और माल्या का प्रत्यर्पण ब्रिटेन में लंबित है। इन सभी ने भारत में अपने निर्वासन के खिलाफ लंदन के उच्च न्यायालयों में अपील की है। ईडी ने पहले ही भारत में उनकी संपत्तियों को जब्त कर लिया है और माल्या और मोदी की हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति बेचकर पैसा भी वसूला गया है। ये पैसा बैंकों को वापस कर दिया गया है।

लंदन जा रही भारतीय एजेंसियों की टीम पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) के तहत ब्रिटिश अधिकारियों के पास काफी समय से लंबित सूचनाओं के चल रहे आदान-प्रदान पर द्विपक्षीय चर्चा करने वाली है। यूके और भारत दोनों ने एमएलएटी संधि पर साइन किए हैं और आर्थिक अपराधियों और अन्य से संबंधित आपराधिक जांच पर जानकारी साझा करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य हैं।

एनआईए की टीम फिलहाल खालिस्तानी आंदोलन से जुड़े कई आतंकी संदिग्धों की जांच कर रही है। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय एमएलएटी संधि से संबंधित सभी मामलों से निपटने के लिए नोडल मंत्रालय होता है, लेकिन इस मामले में, विदेश मंत्रालय (एमईए) खुद यूके के साथ राजनयिक स्तर पर बातचीत कर रहा है क्योंकि सभी अनुरोध विदेश मंत्रालय के माध्यम से होकर ही विदेशों में भेजे जाते हैं।

नीरव मोदी पीएनबी के 6,500 करोड़ रुपये से अधिक के कथित धोखाधड़ी मामले में वांटेड हैं। इस बीच बैंकों को चूना लगाने के आरोप में माल्या की 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क और जब्त कर ली गई थी। ईडी कई रक्षा सौदों में कथित तौर पर प्राप्त भुगतान के मामले में भंडारी, थम्पी और वाड्रा की जांच कर रही है। एजेंसी पहले ही भारत में भंडारी की 26 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त कर चुकी है और उसके खिलाफ आरोप पत्र भी दायर कर चुकी है। एक विशेष सीबीआई अदालत ने भंडारी को माल्या और मोदी की तरह भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया है।

RELATED ARTICLES

Most Popular