खरगोन । खरगोन की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट 50 वर्षीय पदमा राजौरा तिवारी की इंदौर के निजी अस्पताल में मौत हो गई। मजिस्ट्रेट ने टेस्टबेबी ट्यूब से नवजात बच्ची को जन्म दिया था। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ी। चार दिन तक वेंटीलेटर पर रहने के बाद गुरुवार को दोपहर में मौत हो गई।
स्वजनों ने बताया कि वह तीन साल से खरगोन में पदस्थ थी। उनका शहर के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। 8 जनवरी को उन्होंने मेडिकल अवकाश लिया। इसके बाद दो दिन तक निजी अस्पताल में इलाज कराया। यहां से इंदौर रेफर किया। यहां नवजात को जन्म दिया। इसके बाद तबीयत बिगड़ी।
डाक्टरों के मुताबिक उन्हें पीलिया हो गया था। इसके संक्रमण से तबीयत बिगड़ी। चार दिन तक वेंटिलेटर पर रही। गुरुवार को दम तोड़ दिया। उनका जन्म 24 अक्टूबर 1973 को हुआ था। वह इंदौर की निवासी थी। सिलिकान सिटी इंदौर से उनकी अंतिम यात्रा निकली।
मजिस्ट्रेट को बच्चे की चाह थी। उन्होंने टेस्ट ट्यूब बेबी का इलाज लिया। निजी अस्पताल में कई महीनों से इलाज कराया। यहां डिलीवरी के पहले भर्ती किया। यहां से इंदौर रेफर किया।