अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर में प्रतिष्ठित की गई राम लला की मूर्ति के मूर्तिकार अरुण योगीराज रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद के स्वरूप के बारे में बताते हुए काफी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि जब मैंने गर्भगृह में मूर्ति देखी तो मुझे लगा ही नहीं कि यह वही मूर्ति है जिसे मैंने तैयार किया था। आपको बता दें कि बुधवार रात मैसूरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। वह रात 9.30बजे करीब यहां उतरे थे। सीआईएसएफ के कर्मियों द्वारा उन्हें टर्मिनल से बाहर लाया गया।
उनके प्रशंसकों और भाजपा कार्यकर्ताओं के अलावा बड़ी संख्या में भीड़ उनके स्वागत के लिए तैयार थी। भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस के पसीने छूट गए। योगीराज के टर्मिनल से बाहर निकलने के तुरंत बाद उनकी पत्नी विजेता और बच्चे सहित उनके परिवार के लोगों ने उनका स्वागत किया। लोग उन्हें देखने के लिए बेताब दिखे।
इससे पहले अयोध्या में एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में योगीराज ने कहा, ‘प्राण प्रतिष्ठा के बाद मैं गर्भगृह में था। कुछ देर मूर्ति के सामने बैठा था। मुझे लगा कि मैंने जो मूर्ति बनाई थी, वह यह नहीं है। मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होते ही भगवान का स्वरूप बिल्कुल बदल गया।’
योगीराज ने कहा, ”गर्भगृह के बाहर तक रामलला की मूर्ति की छवि अलग थी। जैसे ही मूर्ति को गर्भगृह में प्रवेश कराया गया, उसकी आभा ही बदल गई। मैंने भी महसूस किया। मैंने गर्भगृह में अपने साथ मौजूद लोगों को भी इसके बारे में बताया।”