नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली के भारत मंडपम में छात्रों के साथ परीक्षा पर चर्चा (Pariksha Par Charcha 2024) की. पीएम ने स्टूडेंट्स को एग्जाम की टेंशन दूर करने का मंत्र दिया।
देशभर के स्टूडेंट्स, अभिभावक और अध्यापकों के साथ संवाद किया. पीएम ने तमाम उदाहरण देकर बच्चों को मोटिवेट किया. किसी भी तरह के दबाव से निपटने के बारे में तैयार रहने के लिए कहा. पीएम ने कोरोनाकाल का भी जिक्र किया और बताया कि कैसे कि मुश्किल समय का सामना बहादुरी से करना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा, कोरानाकाल में मैंने देशवासियों से ताली थाली बजाने को कहा. हालांकि, यह कोरोना को खत्म नहीं करता लेकिन एक सामूहिक शक्ति को जन्म देता है. पहले खेल के मैदान में हमारे लोग जाते थे. कभी कोई जीतकर आता है तो कई जीतकर नहीं आता है. पहले कोई नहीं पूछता था, लेकिन मैंने कहा कि मैं इसके ढोल पीटूंगा. जिसके पास जितना सामर्थ्य है, उसका सही उपयोग करना चाहिए. अच्छी सरकार चलाने के लिए इन समस्याओं के समाधान के लिए भी आपको नीचे से ऊपर की तरफ सही जानकारी और गाइडेंस आना चाहिए।
‘मुश्किल वक्त से घबराना नहीं है’
पीएम मोदी ने आगे कहा, अगर यह सही रहा तो आप चीजों को संभाल सकते हैं. कोरोना इसका बहुत बड़ा उदाहरण है. मैंने छोटी-सी खिड़की भी खुली नहीं रखी है कि निराशा वहां से आ जाए. पीएम ने बच्चों से कहा कि कितनी भी मुश्किल आ जाए, आपको कभी भी घबराना नहीं है. उसका सामना करना है और जीतकर निकलना है।
‘इससे एकता का एहसास हुआ’
पीएम मोदी का कहना था कि मुझे भी पता है कि थाली बजाने या दीया जलाने से कोरोना से राहत नहीं मिलती है. इससे कोरोना की बीमारी ठीक नहीं होती है. लेकिन ऐसा हमने देश के लोगों को कोरोना के खिलाफ जंग में एकजुट करने के लिए किया था. जब पूरे देश के लोगों ने एक ही समय पर थाली बजाई, एक ही समय पर दीया जलाया तो इससे उन्हें एकता का एहसास हुआ. उन्हें ये बात महसूस हुई कि कोरोना के खिलाफ वो अकेले नहीं लड़ रहे हैं. पूरा देश कोरोना का सामना कर रहा है. सब लोग साथ मिलकर संघर्ष करेंगे तो परेशानी से निकल पाएंगे।
‘सब साथ मिलकर लड़ेंगे तो…’
पीएम का कहना था कि कोरोना वायरस एक वैश्विक महामारी थी. पूरी दुनिया परेशान थी. चाहता तो मैं भी कह सकता था कि मैं क्या कर सकता हूं? लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया. मैंने सोचा- मैं अकेला नहीं हूं. देश में 140 करोड़ लोग हैं. सब साथ मिलकर सामना करेंगे तो इस मुश्किल घड़ी से बाहर निकल जाएंगे. इसलिए मैं टीवी पर आता रहता था. लोगों से बात करता रहता था।
‘140 करोड़ देशवासी मेरे साथ हैं’
पीएम ने कहा कि मुझे कभी नहीं लगता है कि मैं अकेला हूं. मुझे विश्वास है कि 140 करोड़ देशवासी मेरे साथ हैं. हम हर चुनौती को पार कर जाएंगे. ये मेरे भीतर विश्वास है. इसलिए मैं अपनी शक्ति देश के सामर्थ्य को आगे बढ़ाने में लगा रहा हूं।
पीएम ने थाली बजाने को लेकर क्या अपील की थी?
बता दें कि मार्च 2020 में कोरोना ने देश में एंट्री मारी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी को विश्वयुद्ध से भी भयानक बताया था और देशवासियों को चुनौती से निपटने के लिए एकजुटता का मंत्र दिया था. पीएम ने 22 मार्च 2020 (रविवार) की सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू का ऐलान किया था और लोगों से अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में जुटे डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, मीडियाकर्मियों को धन्यवाद अर्पित करने का आह्वान किया था. प्रधानमंत्री मोदी ने धन्यवाद अर्पित करने का तरीका भी बताया था. उन्होंने कहा था कि 22 मार्च की शाम ठीक 5 बजे अपने घर के दरवाजे पर, खिड़की के पास या बालकनी में खड़े होकर 5 मिनट तक ताली बजाकर, थाली बजाकर इनके प्रति धन्यवाद अर्पित करें. पीएम मोदी ने प्रशासन से भी शाम 5 बजे सायरन बजाकर लोगों को इसकी याद दिलाने के लिए कहा था. प्रधानमंत्री कोरोना वायरस से संक्रमित होने के खतरे के बावजूद यह सभी इसके खिलाफ जारी जंग में सक्रिय हैं।