देहरादून । समान नागरिक संहिता विधेयक (यूसीसी) बुधवार को विधानसभा के विस्तारित सत्र में पारित किया जाएगा। इसके अलावा उत्तराखंड राज्य आंदोलन के चिह्नित आंदोलनकारियों या उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में आरक्षण विधेयक भी पारित होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को विधानसभा के पटल पर समान नागरिक संहिता विधेयक प्रस्तुत किया था। बुधवार को चर्चा पूरी होने के बाद यह विधेयक पारित होगा। हालांकि विपक्ष इस विधेयक को प्रवर समिति को सौंपने की मांग कर रहा है। इसके लिए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या ने विधायकों के हस्तरक्षित पत्र विधानसभा अध्यक्ष को सैंपा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस पर बुधवार को सदन में अपना वक्तव्य दे सकते हैं। उत्तराखंड के लिए बुधवार का दिन ऐतिहासिक दिन होगा। आंदोलनकारी आरक्षण विधेयक पर भी चर्चा होगी और फिर इसे पारित किया जाएगा। 192 पृष्ठ के समान नागरिक संहिता विधेयक में मुख्य रूप से महिला अधिकारों के संरक्षण को केंद्र में रखा गया है। विधेयक चार खंडों विवाह और विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार, सहवासी संबंध (लिव इन रिलेशनशिप ) और विविध में विभाजित किया गया है। विधेयक में 392 धाराएं है, जिनमें से केवल उत्तराधिकार से संबंधित धाराओं की संख्या 328 है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और प्रेरणा से हमने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता से राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लाने का जो ”संकल्प” प्रकट किया था, उसे आज हम पूरा करने जा रहे हैं। हमारी सरकार ने पूरी जिम्मेदारी के साथ समाज के सभी वर्गों को साथ लेते हुए समान नागरिक संहिता का विधेयक विधानसभा में पेश कर दिया है। देवभूमि के लिए वह ऐतिहासिक क्षण निकट है जब उत्तराखंड प्रधानमंत्री मोदी के विजन ”एक भारत, श्रेष्ठ भारत”का मजबूत आधार स्तम्भ बनेगा।