लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी सरकार का इस बार का बजट अब तक का सबसे बड़ा बजट है। बजट का आकार सात लाख 36 हजार करोड़ रुपये है। ये बजट प्रदेश की 25 करोड़ जनता के आकार को देखते हुए उनके जीवनस्तर को उठाने के संकल्प के साथ प्रस्तुत किया गया है।
सभी जानते हैं कि आजादी के बाद से 2017 तक यूपी की जीडीपी 12 से 13 लाख करोड़ थी पर मात्र सात वर्षों में आज प्रदेश की अर्थव्यवस्था दोगुनी हो गई है। कोरोना जैसी महामारी का सामना करने के बाद भी यूपी की अर्थव्यवस्था देश में दूसरे स्थान पर आ गई है। मुख्यमंत्री योगी विधानसभा में प्रदेश सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में वृद्घि हुई है। ऑनलाइन लेन-देन बढ़ा है। प्रदेश में निवेश का माहौल बढ़ा है। यही कारण है कि 19 फरवरी को हम 10 लाख रुपये की निवेश परियोजनाओं का भूमि पूजन करने जा रहे हैं। यही कारण है कि प्रदेश में बेरोजगारी की दर अब दो प्रतिशत आ गई है। उन्होंने पूर्ववर्ती सपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले की सरकारों मे कोई विजन नहीं था इसलिए प्रदेश बीमारू राज्यों की सूची में आता था पर हमने यूपी को अब देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया है। भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में पांचवें नंबर की अर्थव्यवस्था हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था विश्व में तीसरे नंबर पर आ जाएगी।
उन्होंने नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के आरोप कि सरकार हर बार प्रदेश का सबसे बड़ा बजट प्रस्तुत करती है पर उसे खर्च नहीं कर पाती है। इस पर नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने जवाब देते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष दिसंबर 2023 के आंकड़े प्रस्तुत कर रहे थे जबकि बजट तो मार्च 2024 तक का है।
अपने भाषण के प्रारंभ में मुख्यमंत्री योगी ने चौधरी चरण सिंह, लाल कृष्ण आडवाणी, कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन और पी वी नरसिंह राव को भारत रत्न दिए जाने का स्वागत किया और उनके योगदान को याद किया।
इस मौके पर उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तंज भी कसा कि अब उनके साथ आने को कोई तैयार नहीं है क्योंकि लोगों को पता है कि वो धोखा ही देंगे। सीएम योगी रालोद के एनडीए में शामिल होने की तरफ इशारा कर रहे थे।