नई दिल्ली । शरद पवार ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली पार्टी को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के रूप में मान्यता देने के निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
शरद पवार ने यह याचिका वकील अभिषेक जेबराज के माध्यम से सोमवार शाम को अपनी व्यक्तिगत हैसियत से दायर की। इससे पहले अजित पवार गुट ने वकील अभिकल्प प्रताप सिंह के जरिए एक कैविएट दायर की थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अगर शरद पवार समूह शीर्ष अदालत में जाता है तो उसके पक्ष में कोई एकतरफा आदेश पारित न किया जाए।
अजित पवार गुट ही असली एनसीपी
निर्वाचन आयोग ने छह फरवरी को घोषणा की थी कि अजित पवार गुट ही असली एनसीपी है। इस घोषणा से पार्टी संस्थापक शरद पवार को बड़ा झटका लगा था। आयोग ने एक आदेश में अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह को राकांपा का चुनाव चिह्न घड़ी भी आवंटित कर दिया था। चुनाव आयोग ने 7 फरवरी को अजित पवार गुट के पक्ष में फैसला सुनाते हुए इस गुट को ही असली एनसीपी बताया था। असली एनसीपी पर किसका हक है, ये लड़ाई लंबे समय से चुनाव आयोग के पास चल रही थी। शरद पवार की तरफ से तमाम दलीलें भी रखी गई थीं, लेकिन चुनाव आयोग ने अजित गुट के पक्ष में फैसला सुनाया।
अजीत पवार को NCP का नाम और चुनाव चिह्न सौंपा
चुनाव आयोग ने अजित गुट को असली एनसीपी मानते हुए उन्हें ‘एनसीपी का नाम और प्रतीक’ सौंप दिया था। चुनाव आयोग ने एनसीपी के इस मामले को लेकर कई सुनवाई करते हुए इसपर अपना फैसला सुनाया था। साल 2023 के जुलाई में अजित पवार अपने समर्थकों समेत एनडीए में शामिल हुए थे जिसके बाद अजित पवार ने पार्टी पर अपना दावा ठोंका था। बाद में यह मामला चुनाव आयोग तक पहुंच गया। आयोग के सामने दोनों गुटों ने अपनी-अपनी बातें रखीं लेकिन फैसला अजीत पवार के पक्ष में गया।