नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव में बीजेपी को तीसरी बार NDA सरकार बनने का पूरा भरोसा है. इसी कड़ी में बीजेपी में चुनावी तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है. आज दिल्ली में पार्टी के चुनाव प्रभारियों की अहम बैठक हो रही है।
जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 400 प्लस सीट के टारगेट को हासिल करने की रणनीति पर मंथन हो रहा है. इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह मौजूद हैं. बैठक में राज्यों के चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी भी शामिल हैं. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बीजेपी की इस टीम को जीत का मंत्र दे रहे हैं।
इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्य प्रभारियों और सह प्रभारियों से हरेक लोकसभा सीटों के लिए तीन उम्मीदवारों का पैनल तैयार करने को कहा और यदि कोई नहीं है तो किसे बनाया जा सकता है. प्रभारियों को एक सप्ताह के भीतर उम्मीदवारों का पैनल देना होगा. नड्डा ने उनसे अपने-अपने राज्यों में जाकर समन्वय शुरू करने को भी कहा है. प्रभारियों से बीजेपी के शीर्ष नेताओं की रैलियों और कार्यक्रमों की योजना तैयार करने को कहा है।
बीजेपी का दक्षिण भारत में सीटें बढ़ाने का प्लान
इस बार बीजेपी ने नई रणनीति के तहत कमजोर सीटों के लिए अलग से रणनीति बनाई है, तो पिछले चुनाव में कम मार्जिन से हारी गई सीटों पर भी फोकस किया गया है. इसके अलावा दक्षिण भारत में भी बीजेपी की सीटों को बढ़ाने का सॉलिड प्लान तैयार किया गया है. NDA के घटक दलों के साथ बीजेपी के चुनावी अभियान को धार देने के लिए खास मुद्दे चुने गए हैं. लाभार्थी वर्ग को भी पार्टी से जोड़ने की योजना तैयार है. खुद पीएम मोदी ने बीजेपी के लिए 370-प्लस और एनडीए के लिए 400 पार सीट जीतने का टारगेट सेट किया है. आगामी लोकसभा चुनावों में अधिकतम सीटें जीतने के लिए बीजेपी ने ज्ञान पर फोकस किया है. ज्ञान का मतलब गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी से है।
पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए ने जीती थीं 353 सीटें
पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए ने 353 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि यूपीए 91 और अन्य ने 98 सीटें जीती थीं. मतदान 11 अप्रैल से 19 मई के बीच सात चरणों में हुआ था. वहीं, वोटिंग लगभग 67 फीसदी हुई था. बताया जा रहा है कि इस साल अप्रैल और मई में लोकसभा चुनाव होंगे. उम्मीद जताई जा रही है कि निर्वाचन आयोग मार्च में चुनाव का शेड्यूल जारी कर सकता है. उससे पहले राजनीतिक पार्टियों ने अपनी रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।