नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने कथित शराब नीति घोटाले से संबंधित धनशोधन के एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह की याचिका पर सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जवाब-तलब किया।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने आदेश पारित करते हुए कहा कि वह इस मामले में अगली सुनवाई पांच मार्च को करेगी।
याचिका स्वीकार करने का कोई ठोस आधार नहीं
दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की एकल पीठ ने फरवरी के शुरू में संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उन्हें जमानत देने से इनकार कर करते हुए कहा था कि याचिका स्वीकार करने का कोई ठोस आधार नहीं है। हालांकि, पीठ ने इस मामले में तेजी से सुनवाई करने के लिए निचली अदालत को निर्देश दिया था।
न्यायमूर्ति शर्मा ने अपने आदेश में कहा था, “जमानत देने का कोई ठोस आधार नहीं है। हम निचली अदालत को सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश देते हैं। संबंधित पक्षों की ओर से अनावश्यक स्थगन की मांग नहीं की जाएगी।
निचली अदालत ने 22 दिसंबर 2023 को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
4 अक्टूबर को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था
सांसद संजय सिंह को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल 4 अक्टूबर को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। वह 13 अक्टूबर 2023 से न्यायिक हिरासत में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने उत्पाद शुल्क नीति (जो बाद में रद्द कर दी गई थी।) तैयार करने और लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस नीति का उद्देश्य कथित तौर पर कुछ शराब निर्माताओं, थोक विक्रेताओं आदि को करोड़ों रुपए गैर कानूनी तरीके से लाभ पहुंचाना था।
दूसरी ओर, सांसद संजय सिंह का आरोप है कि उनके खिलाफ ईडी की यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। उन पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। उनमें कोई सच्चाई नहीं है।