चूरू। राजस्थान के चूरू से लोकसभा सांसद राहुल कस्वां ने बीजेपी छोड़ दी है। राहुल कस्वां ने एक्स पर पोस्ट कर कहा- राम-राम मेरे चूरू लोकसभा परिवार। मेरे परिवार जनों आप सब की भावनाओं के अनुरुप मैं सार्वजनिक जीवन का एक बड़ा फैसला लेने जा रहा हूं। राजनीतिक कारणों से मैं बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता एवं संसद सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने आवास पर राहुल कस्वां को पार्टी की प्राथमिक सदस्य दिलवाई। इस मौके पर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी मौजूद रहे।
राजेंद्र राठौड़ ने बताया था जयचंद
उल्लेखनीय है कि चूरू से बीजेपी सांसद राहुल कस्वां टिकट कटने से नाराज थे। इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ी है। राहुल कस्वां का कहना है कि मुझे टिकट कटने की वजह नहीं बताई है। मेरा कोई फोन भी नहीं उठा रहा है। आखिर मेरी गलती क्या है। ऐसा माना जा रहा है कि राजेंद्र राठौड़ से अदावत के चलते राहुल कस्वां का बीजेपी से टिकट काटा गया है। बता दें विधानसभा चुनाव में राजेंद्र राठौड़ चूरू की तारानगर सीट से चुनाव हार गए थे। इसके लिए इशारों में राहुल कस्वां को जिम्मेदार ठहराया था। इशारों में राहुल कस्वां को जयचंद बता दिया था। उन्होंने आगे कहा, ”समस्त भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का आभार प्रकट करता हूं। जिन्होंने मुझे 10 वर्षों तक चूरू लोकसभा परिवार की सेवा करने का अवसर दिया। विशेष आभार मेरे चूरू लोकसभा परिवार का, जिन्होंने मुझे सदैव बहुमूल्य साथ, सहयोग और आशीर्वाद दिया।”
टिकट कटने के बाद पूछा था मेरा गुनाह क्या ?
राहुल कस्वां ने ट्वीट किया था,”आखिर मेरा गुनाह क्या था…? क्या मैं ईमानदार नहीं था ? क्या मैं मेहनती नहीं था ? क्या मैं निष्ठावान नहीं था ? क्या मैं दागदार था ? क्या मैंने चूरू लोकसभा में काम करवाने में कोई कमी छोड़ दी थी ? मा. प्रधानमंत्री जी की सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में, मैं सबसे आगे था.ओर क्या चाहिए था ?जब भी इस प्रश्न को मैंने पूछा,सभी निरुत्तर और निःशब्द रहे. कोई इसका उत्तर नहीं दे पा रहा. शायद मेरे अपने ही मुझे कुछ बता पाएं।”
राहुल कस्वां ने किया था शक्ति प्रदर्शन
शुक्रवार को चूरू जिले के राजगढ़ स्थित अपने आवास पर राहुल कस्वां शक्ति प्रदर्शन किया था और पार्टी को बागी तेवर दिखाए थे। उनकी रैली के बाद से कयास थे कि वे चूरू से भाजपा के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। राहुल कस्वां ने जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा था कि आगे की डगर मुश्किल है, हमारे सामने कई चुनौतियां आएंगी, क्या आप उसके लिए तैयार हैं? राहुल ने कहा था कि आपका फैसला मुझे पता लग गया है। मुझे दो दिन का टाइम दो, मैं वादा करता हूं कि आपकी इच्छा पूरी करूंगा। अब यह दो दिन का समय भी सोमवार को पूरा हो गया। राहुल कस्वां ने कहा था कि हमारा परिवार 1977 से राजनीति में हैं। 33 साल पहले भैरोंसिंह शेखावत ने मेरे पिता को संसद में जाने का अवसर दिया, जबकि पहले वे सिर्फ सरपंच थे। हमने हार-जीत के लिए चुनाव नहीं लड़े, बल्कि जनता के काम करवाने, सुख-दुख में साथ देने और विकास के लिए लड़े।