धर्म

मांगलिक होना दोष नहीं, वरदान है ! जानिए ज्योतिषी की राय

उज्‍जैन। आम तौर पर कुंडली में मंगल दोष पाये जाने पर जातक घबड़ा जाते हैं और तमाम तरह की आशंकाओं से घिर जाते हैं। लेकिन आपको बता दें कि कुंडली में मांगलिक दोष का होना उतना बुरा भी नहीं है, जितना प्रचारित किया जाता है।
मांगलिक दोष किसी के लिए हानिकारक, तो कई लोगों के लिए लाभकारी भी हो सकता है. ज्‍योतिष के अनुसार मांगलिक दोष के कारण व्यक्ति में साहस, ऊर्जा और दृढ़ता का संचार होता है, जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता दिला सकता है.

मांगलिक दोष के उपायों के बारे में बताते हुए पंडित मिश्रा ने कहा कि किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली में मंगल लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में से किसी भी एक भाव में है, तो यह ‘मांगलिक दोष’ कहलाता है. कुंडली में आंशिक या पूर्ण मंगल दोष हो सकता है. मान्यता अनुसार ‘मांगलिक दोष’ वाले जातक की पूजा वर अथवा कन्या का विवाह किसी ‘मांगलिक दोष’ वाले जातक से ही होना आवश्यक है.

मांगलिक दोष नहीं, वरदान है
पंडित के अनुसार मांगलिक दोष को दोष न कहते हुए वरदान कहना चाहिए. कई लोगों का मानना है कि मांगलिक दोष के कारण विवाह में अड़चनें आती हैं, लेकिन यह मान्यता गलत है. मंगल का काम ही मंगल करना है. उन्होंने जलगांव के अमरनेर स्थित मंगलदेव के प्राचीन मंदिर का उल्लेख किया, जहां मंगल दोष की शांति के लिए अभिषेक किया जाता है.

मांगलिक होने के फायदे
प्रथम भाव में मंगल होने पर व्यक्ति साहसी, पराक्रमी और जिद्दी होता है. ऐसा व्यक्ति कठिनाइयों से नहीं घबराता और समस्याओं को आसानी से निपटा देता है.
चतुर्थ भाव में मंगल होने पर व्यक्ति शक्तिशाली और पराक्रमी होता है. लोग उसकी ओर आकर्षित होते हैं. यदि वह अपने क्रोध पर काबू रखे और जिद्दीपन छोड़ दे तो सफलता प्राप्त करता है.
सप्तम भाव में मंगल होने पर व्यक्ति संपत्तिवान और उच्च पद पर होता है. यदि वह अपनी पत्नी के साथ शांतिपूर्वक रहना सीख ले तो जीवन सुखमय होता है.
अष्टम भाव में मंगल होने पर व्यक्ति चिकित्सक बन सकता है. आकस्मिक धन लाभ होता है और शत्रु टिक नहीं पाते हैं. अपने विचार दूसरों पर न थोपने पर जीवन अच्छा होता है.
द्वादश भाव में मंगल होने पर व्यक्ति सुख और समृद्धिपूर्वक जीवन यापन करता है. वह विदेश यात्रा करता है और लाभ कमाता है. सेहत और संबंधों को संभालने की जरूरत होती है.

 

कुंडली के अनुसार उपाय
अष्टम के मंगल पर तंदूरी मीठी रोटी कुत्ते को 40-45 दिन खिलाएं और चांदी की चेन पहनें.
सप्तम के मंगल पर बुध और शुक्र का उपाय करें और घर में ठोस चांदी रखें.
चौथे मंगल पर वटवृक्ष की जड़ में मीठा दूध चढ़ाएं, चिड़ियों को दाना डालें, बंदरों को गुड़ और चना खिलाएं और सदैव चांदी रखें.
मंगल लग्न में हो तो शरीर पर सोना धारण करें.
मंगल 12वें भाव में हो तो सुबह खाली पेट शहद का सेवन करें और एक किलो बताशे मंगल के दिन बहते जल में प्रवाहित करें या मंदिर में दान करें.

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