नई दिल्ली। महाशिवरात्रि आठ मार्च को है। इस बार धनिष्ठा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि महाशिवरात्रि व्रत पूजा प्रदोष काल में प्रारंभ की जाती है। जो मध्य रात्रि 12.05 तक रहेगा और इसके बाद सिद्ध योग शुरू हो जाएगा। इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र का भी योग बन रहा है, जो प्रातः 8.12 से दूसरे दिन नौ मार्च की सुबह 6.42 तक रहेगा। उन्होंने बताया कि शिवरात्रि हिन्दू परंपरा का एक बहुत बड़ा पर्व है। इसे फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। चतुर्दशी तिथि का आरंभ आठ मार्च रात्रि 7:38 से प्रारंभ होकर नौ मार्च को शाम 5:20 तक रहेगा।
महाशिवरात्रि पर इस समय करें पूजा
महाशिवरात्रि के दिन सुबह स्नान करके भोले बाबा को मंदिर जाकर शहद और गन्ने के रस से स्नान कराएं, ऐसा करने से भोले बाबा की कृपा मिलती है। व्रत का संकल्प लें और फलाहार करें। शाम को प्रदोष काल में बेलपत्र, भांग, धतूरा जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र चढ़ाएं और केसर का तिलक लगाएं।
पूजा के लिए सिद्ध योग किस समय
महाशिवरात्रि व्रत पूजा प्रदोष काल में प्रारंभ की जाती है। जो मध्य रात्रि 12.05 तक रहेगा और इसके बाद सिद्ध योग शुरू हो जाएगा। इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र का भी योग बन रहा है, जो प्रातः 8.12 से दूसरे दिन नौ मार्च की सुबह 6.42 तक रहेगा। चतुर्दशी तिथि का आरंभ आठ मार्च रात्रि 7:38 से प्रारंभ होकर नौ मार्च को शाम 5:20 तक रहेगा।