Saturday, November 23, 2024
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प्राण प्रतिष्ठा समारोह में 14 जोड़े बनेंगे यजमान, काशी के डोमराजा परिवार को भी मौका; पूरी लिस्ट

IN PHOTOS | Ayodhya Ram Mandir: All set to redefine spirituality and  modernity

नई दिल्‍ली । अयोध्या के भव्य राम मंदिर (Grand Ram Temple of Ayodhya)में रामलला की मूर्ति की 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा (Dignity of life)होनी है। इस दौरान देश के विभिन्न हिस्सों (parts)से आए 14 दंपति यजमान की भूमिका निभाएंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने इसे लेकर अधिक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास से मिली सूचना के मुताबिक अनुष्ठान 16 जनवरी को प्रारंभ हुआ और शनिवार को इसका 5वां दिन था। उन्होंने बताया, ‘हिंदू धर्म के अंतर्गत एक मंदिर की पूजा में व्यापक अनुष्ठान होते हैं। कई अधिवास होते हैं। मुख्य प्राण प्रतिष्ठा पूजा में 14 दंपति हिस्सा लेंगे। ये सभी भारत के उत्तर, पूर्व, पश्चिम, दक्षिण और पूर्वोत्तर से हैं। ये मुख्य यजमान होंगे।’

यजमानों की सूची में उदयपुर से रामचंद्र खरादी, असम से राम कुई जेमी, जयपुर से गुरुचरण सिंह गिल, हरदोई से कृष्ण मोहन, मुल्तानी से रमेश जैन, तमिलनाडु से आदलरासन और महाराष्ट्र से विठ्ठल कामनले शामिल हैं। इसी तरह, महाराष्ट्र के लातूर में घुमंतू समाज ट्रस्ट से महादेव राव, कर्नाटक से लिंगराज बासवराज, लखनऊ से दिलीप वाल्मिकी, डोमराजा के परिवार से अनिल चौधरी, काशी से कैलाश यादव, हरियाणा के पलवल से अरुण चौधरी और काशी से कवींद्र प्रताप सिंह भी इस सूची में शामिल हैं।

‘हर कोने से कार्यक्रमों में शामिल हो रहे लोग’

अंबेकर ने कहा, ‘ये लोग इस समारोह में अपनी पत्नी के साथ शामिल होंगे। इनका व्यापक सहभाग होगा और धार्मिक ग्रंथों में जैसा उल्लेख है उसी प्रकार से समग्र पूजा की जा रही है।’ उन्होंने कहा कि इस देश के हर हिस्से से लोग भगवान राम की जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण चाहते थे। कई लोगों ने इसके लिए संघर्ष किया। देश के हर कोने से लोग विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल रहे और इसके लिए अभियान चलाया। इसलिए हर कोई इस मंदिर से जुड़ना चाहता है क्योंकि यह एक ऐतिहासिक क्षण है। यह भारत का उत्सव है और हिंदू समाज के लिए एकता का उत्सव है।

धार्मिक स्थानों से लाए गए जल से शुद्धीकरण

शनिवार को हुए अनुष्ठान में भगवान के विग्रह को देश के विभिन्न हिस्सों से लाई गई शक्कर और पुष्प अर्पित किए गए। इस समारोह के एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू में विग्रह को स्नान कराना और गर्भगृह का शुद्धीकरण शामिल रहा, जिसमें देशभर से विभिन्न धार्मिक स्थानों से लाए गए जल से शुद्धीकरण किया गया। अधिकारियों ने बताया कि 16 जनवरी को प्रारंभ हुआ यह अनुष्ठान RSS नेता अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी ऊषा मिश्रा की ओर से किया जा रहा है। अनिल मिश्रा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के 15 न्यासियों में से एक हैं। मैसूरू स्थित शिल्पकार अरुण योगीराज की तैयार रामलला का 51 इंच के विग्रह को गुरुवार दोपहर राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया गया।

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