नई दिल्ली । मणिपुर की राज्यपाल अनुसूइया उइके ने कहा कि राज्य में पिछले साल मई से जातीय हिंसा में 219 लोग मारे गए हैं। मणिपुर विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत में अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य के बलों के साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 198 कंपनियां और सेना की 140 टुकड़ियां तैनात की गई हैं।
उइके ने राज्य में जातीय हिंसा में 219 लोगों की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि मृतकों के परिजनों को उचित सत्यापन के बाद 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जा रही है। राज्यपाल ने विश्वास जताया कि सभी हितधारक और आम लोग राज्य के विभिन्न समुदायों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और भाईचारे की बहाली में योगदान देंगे।
उन्होंने कहा, ”मणिपुर हमेशा से बहु-संस्कृति वाला राज्य रहा है और रहेगा जो विविधताओं का सम्मान करता है। सरकार विकास के मार्ग पर सभी लोगों को साथ लेकर चलने में विश्वास करती है।” उइके ने कहा, ”राज्य सरकार 3 मई, 2023 को शुरू हुई हिंसा के बाद वर्तमान कानून व्यवस्था की स्थिति से संबंधित विभिन्न जटिल मुद्दों के समाधान के लिए चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अथक प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा, ”शुरुआत के कुछ दिनों के भीतर, संघर्ष के दोनों ओर फंसे हुए लोगों को निकालने का काम युद्ध स्तर पर किया गया। मणिपुर राज्य परिवहन सेवाओं ने 4,000 से अधिक छात्रों और फंसे हुए नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।” राज्यपाल ने कहा कि राहत शिविरों में रहने वाले छात्रों को आसपास के स्कूलों से संबद्ध किया गया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मौजूदा हालात के लिए जिम्मेदार तथ्यों की पड़ताल के लिए उच्च न्यायालय के एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया था। उइके ने कहा कि अनेक जातीय समूहों में शांति एवं सौहार्द स्थापित करने के लिए एक शांति समिति भी बनाई गई। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वतंत्र और पारदर्शी जांच के लिए 29 मामले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और एक मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया है।