Saturday, November 23, 2024
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INDIA अलायंस में गजब का खेल, कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के बीच गतिरोध जारी; मुंबई सीट पर फसा पेंच

Cracks in Congress-Uddhav Sena alliance over Kolhapur Lok Sabha seat:  Sources - India Today

नई दिल्‍ली । महाराष्ट्र में जहां सत्ताधारी एनडीए (ruling nda)गठबंधन में सीट शेयरिंग (seat sharing)हो चुकी है और उसका ऐलान हो चुका है, वहीं विपक्षी ()oppositionमहा विकास अघाड़ी (MVA) में अभी भी सीट बंटवारे पर समझौता (agreement)नहीं हो सका है। हालांकि, गठबंधन के नेताओं का दावा है कि MVA के अंदर सीट शेयरिंग पर बातचीत पूरी हो चुकी है लेकिन कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के बीच कई सीटों पर गतिरोध जारी है।

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्धव ठाकरे ने चालाकी दिखाते हुए कांग्रेस कौ ऐसी-ऐसी सीटें ऑफर की हैं, जहां कांग्रेस की जीत मुश्कल लगती है। उदाहरण के लिए उद्धव ठाकरे ने मुंबई उत्तर लोकसभा सीट कांग्रेस को ऑफर की है। इस सीट पर भाजपा परंपरागत रूप से मजबूत है क्योंकि बड़ी संख्या में गुजराती और मारवाड़ी मतदाता हैं, जो भाजपा के कट्टर समर्थक हैं।

2019 के संसदीय चुनाव में मुंबई उत्तर सीट से कांग्रेस की तरफ से अभिनेत्री उर्मिला मतोंडकर ने चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें रिकॉर्ड 4.65 लाख वोटों के अंतर से चुनावी हार का सामना करना पड़ा था। उर्मिला मतोंडकर को भाजपा के गोपाल चिनया शेट्टी ने हराया था, जिन्हें कुल 7.06 लाख यानी 71.40 फीसदी वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 2.41 लाख यानी 24.39 फीसदी वोट मिले थे। इसलिए, कांग्रेस मुंबई उत्तर लोकसभा सीट लेने को इच्छुक नहीं है, जबकि शिव सेना (UBT) ये सीट कांग्रेस को ही देना चाह रही क्योंकि उसका इस सीट पर चुनाव लड़ने का हालिया कोई रिकॉर्ड नहीं रहा है।

कांग्रेस को मुंबई उत्तर-पूर्व सीट पर भी ऑफर

इसी तरह शिव सेना ने कांग्रेस को मुंबई उत्तर-पूर्व सीट भी ऑफर की है, जहां कांग्रेस को कोई उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिल पा रहा है। तीसरी सीट मुंबई उत्तर मध्य सीट है, जहां कांग्रेस चुनाव तो लड़ती रही है लेकिन पिछले दो चुनावों में उसे हार का सामना करना पड़ा है। यहां से 2009 में कांग्रेस की प्रिया दत्त तो 2004 में एकनाथ गायकवाड़ जीत चुके हैं। उससे पहले 1999 में शिव सेना के मनोहर जोशी भी यहां से जीत दर्ज कर चुके हैं। फिलहाल दो चुनावों (2014 और 2019) से भाजपा की पूनम महाजन यहां से जीत रही हैं।

शिव सेना (यूबीटी) नहीं छोड़ना चाहती ये सीटें

कांग्रेस मुंबई दक्षिण मध्य सीट की मांग कर रही है, जहां से पार्टी तेज तर्रार नेता वर्षा गायकवाड़ को मैदान में उतारना चाहती है। इसके अलावा कांग्रेस मुंबई उत्तर पश्चिम सीट की भी मांग कर रही है, जहां से संजय निरुपम को मैदान में उतारना चाहती है लेकिन इस पर भी उद्धव के साथ रार है। दूसरी तरफ शिव सेना (यूबीटी) ने कोल्हापुर और सांगली लोकसभा सीटों पर भी दावा किया है। हालाँकि, बाद में उद्धव ने कोल्हापुर सीट छोड़ दी, लेकिन सांगली सीट पर अपना दावा नहीं छोड़ रहे हैं। यहां तक कि शिवसेना ने सांगली सीट पर एकतरफा उम्मीदवार की भी घोषणा कर दी है।

2019 में कोल्हापुर लोकसभा सीट से शिव सेना के ही संजय मांडलिक की जीत हुई थी, जबकि सांगली सीट से 1962 से लगातार 2009 तक कांग्रेस की जीत होती रही है। इसे कांग्रेस का गढ़ कहा जाता रहा है लेकिन पिछले दो चुनावों (2024 और 2019) से यहां भाजपा के संजय काका पाटिल जीतते रहे हैं।

सीट बंटवारे पर भी पेच फंसा हुआ है

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि INDIA अलायंस के इन दोनों घटक दलों के बीच ना सिर्फ सीटों को लेकर खींचतान चल रही है बल्कि सीट बंटवारे पर भी पेच फंसा हुआ है। शिव सेना जहां MVA में सीट बंटवारा फाइन होने का दावा कर रही है और यह कह रही है कि सीट शेयरिंग फॉर्मूले के तहत उसे 22 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस और एनसीपी की क्रमश: 16 और 10 सीटें मिली हैं, वहीं कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि शिव सेना को 20, कांगेस को 18 और एनसीपी को 10 सीटें मिली हैं।

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