नई दिल्ली । 11 मार्च 2024 को केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) कानून लागू कर दिया है। इसको लेकर कहीं समर्थन मिल रहा है तो कहीं विरोध के स्वर भी सुनाई पड़ रहे हैं। इसी कड़ी में एआईएमआईएम के चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट के सामने ओवैसी ने एनआरसी का मुद्दा भी उठाया है। उन्होंने अदालत में याचिका दायर करके मांग की है कि सीएए के लागू करने पर तत्काल रोक लगाई जाए।
असदुद्दीन ओवैसी ने याचिका में क्या कहा?
एआईएमआईएम चीफ ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सीएए के बाद देश में एनआरसी आ रहा है और इसका सीएए के साथ संबध है। ओवैसी ने कहा है कि एनआरसी के जरिए भारतीय मुसलमानों को निशाना बनाने की केंद्र सरकार की योजना है। औवेसी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सीएए की वजह से पनपने वाली दिक्कतें केवल अल्पसंख्यक वर्ग को नागरिकता लेने से दूर करने वाली नहीं है बल्कि नागरिकता देने से इनकार करने के परिणामस्वरूप उनके खिलाफ चुनिंदा कार्रवाई करने के लिए एक अल्पसंख्यक समुदाय को अलग-थलग करना भी है।
सीएए संविधान की मूल भावना के खिलाफ
ओवैसी ने अपनी याचिका में कहा कि सीएए संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। यह आर्टिकल 14, 25 और 21 का उल्लंघन करता है। ऐसे में जब तक इस मामले की सुनवाई होती है तब तक इस कानून के लागू होने पर रोक लगा देनी चाहिए। इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने सीएए के नोटिफिकेशन जारी पर कहा था कि धर्म के आधार पर किसी कानून को नहीं बनाया जा सकता है।
SC में CAA पर रोक लगाने पर होगी सुनवाई
नागरिकता संशोधन विधेयक के नियमों पर रोक लगाने की मांग करने वाली सभी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 19 मार्च को सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच इसे सुनेगी। सुप्रीम कोर्ट में सीएए के खिलाफ कुल 192 याचिकाएं हैं। इनमें इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, असम की संस्था AJYCP की तरफ से दाखिल की गई याचिकाएं शामिल हैं। इन याचिकाओं में सीएए के प्रावधानों पर रोक लगाने की लगाने की मांग की गई है।