लखनऊ। लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद से उत्तर प्रदेश में सियासत गर्मा रही है। लगातार भाजपा सरकार और संगठन के बीच तकरार बढ़ती दिख रही है। इस बीच राज्यमंत्री दर्जा किन्नर कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष सोनम किन्नर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है। सोनम किन्नर का कहना है कि जब अधिकारी उनकी सुनते ही नहीं है तो मंत्री बने रहने का क्या फायदा है।
उन्होंने यहां तक कहा कि यूपी के अफसरों ने ही सरकार का बेड़ा गर्क कर रखा है। कहा कि उनके विभाग के अफसर तो बिलकुल नहीं सुनते हैं। ऐसे में इस्तीफा देकर अब संगठन में ही काम करूंगी। इस बीच, सोनम के आरोपों को योगी सरकार में मंत्री असीम अरुण ने ही गलत बता दिया है। सोनम ने कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा की यूपी में हार हुई है लेकिन कोई जिम्मेदारी नहीं ले रहा है तो उसकी जिम्मेदारी मैं ही लेती हूं। कहा कि अब सरकार नहीं, संगठन में कार्य करूंगी। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान को दोहराते हुए कहा कि संगठन सरकार से बड़ा होता है।
सोनम किन्नर इससे पहले भी अफसरशाही के खिलाफ विरोध की आवाज बुलंद कर चुकी हैं। यही नहीं, योगी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ भी सोनम ने आवाज उठाई थी। सोनम पहले सपा में थीं। कुछ समय पहले भाजपा में शामिल हुई थीं। आरोप लगाया कि अपने विभाग तक में हो रहे भ्रष्टाचार को नहीं रोक पा रही हूं। जनता का काम ही नहीं करवा पाउंगी तो मंत्री पद पर बने रहने का क्या फायदा है।
सोनम ने राज्यपाल को दिए इस्तीफे में लिखा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार से वह आहत हैं और इसकी जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा देती हैं। वह संगठन के लिए काम करती रहेंगी। इसके इतर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उनका इस्तीफा फिलहाल स्वीकार नहीं किया गया है। सोनम किन्नर समाजवादी पार्टी छोड़कर वर्ष 2021 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई थीं। उन्हें बाद में उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाते हुए राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया गया था।