शिमला। हिमाचल में कांग्रेस सरकार पर बनी राजनीतिक अस्थिरता फिलहाल टल हो गई है। कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षकों कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिव कुमार और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बुधवार देर रात तक सभी विधायकों और मंत्रियों से मुलाकात कर उनका पक्ष जाना है। केंद्रीय पर्यवेक्षक इसकी रिपोर्ट केंद्रीय हाई कमान को देंगे। उसके बाद ही नेतृत्व पर कोई फैसला होगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार सुबह सभी विधायकों को ब्रेकफास्ट पर बुलाया और सभी विधायकों से मुलाकात कर उनकी राय जानी। वहीं बुधवार शाम केंद्रीय पर्यवेक्षकों से मिलने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार स्थिर है और उसे कोई भी खतरा नहीं है। राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले व बजट बिल के दौरान अनुपस्थित रहने वाले कांग्रेस के छः विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने दल बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया है।
गुरुवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक होगी। उसमें भी मुख्यमंत्री वर्तमान राजनीतिक हालात पर मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ चर्चा करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों के मिलने के बाद बुधवार शाम अपना त्यागपत्र मंत्रिमंडल से वापस ले लिया है। वहीं बुधवार को विधानसभा सत्र की समाप्ति के बाद भाजपा विधायक दल ने भी बैठकर आगामी रणनीति पर चर्चा की है। अब सभी की नजरे कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों और भाजपा की अगली चाल पर टिकी हुई है। फिलहाल हिमाचल प्रदेश की राजनीतिक में सरगमिया बनी हुई है।