नई दिल्ली । ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव में स्थित प्राचीन शिव रावण जन्म भूमि मंदिर में पहली बार भगवान राम की भी पूजा कर सकेंगे। रविवार को मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा पूरे रीति-रिवाज के साथ शुरू की गई। प्रभू राम का दुग्धाभिषेके किया गया। जिस समय अयोध्या में भगवान राम विराजमान होंगे, ठीक उसी समय बिसरख के मंदिर में भी राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा कर विराजमान किया जाएगा।
प्राचीन रावण मंदिर में राम दरबार के प्राण प्रतिष्ठा के लिए 11 पंडितों को बुलाया गया है। रविवार सुबह वादी पूजा के साथ प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम शुरू किया गया। इसके बाद मंदिर के महंत और स्थानीय निवासियों ने मिलकर रामलला के दरबार का दुग्धाभिषेक किया गया। इसके बाद फलों का स्नान कराया गया।
इन सभी रस्मों को पूरा करने के बाद भगवान की आंखों पट्टी को खोलकर उनका श्रृंगार किया गया। अंत में हवन किया गया। इसमें भारी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। अब सोमवार को रामलला को मंदिर समिति की ओर से पालकी में बैठाकर बिसरख गोल चक्कर से शोभायात्रा निकाली जाएगी। यह शोभायात्रा गांव से होते हुए वापस प्राचीन रावण मंदिर पहुंचेगी।
सभी रस्में निभाई जाएंगी
मंदिर के महंत रामदास का कहना है कि अयोध्या में निभाई जाने वाली सभी रस्मों को ध्यान में रखकर राम दरबार के प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है। जिस समय अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समाप्त होगी, इस दौरान यहां पर भी भगवान राम के दरबार को प्राण प्रतिष्ठा कर स्थापित किया जाएगा। इसको लेकर तैयारियां जोरों पर है। सोमवार को राम दरबार की स्थापना के बाद विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया है।