शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य योजना के तहत बने हिमकेयर कार्ड से पीजीआई चंडीगढ़ में मरीजों को कैशलेश उपचार मिलना शुरू हो गया है। पीजीआई प्रशासन ने हिमकयेर कार्ड धारकों के उपचार के लिए कैशलेस इलाज की सुविधा शुरू कर दी है।
पीजीआई के निदेशक ने कार्यालय आदेश में कहा है कि पीजीआई में हिमकेयर योजना के लाभार्थियों के लिए कैशलेस सुविधा को क्रियाशील कर दिया गया है। हिमकेयर लाभार्थियों के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया वही है, जो आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों के लिए अपनाई जाती है।
पीजीआई में कैशलेश सुविधा मिलने से हिमाचल के हज़ारों मरीजों को राहत मिलेगी। हिमाचल से हर साल करीब पांच हज़ार हिमकेयर योजना के लाभार्थी पीजीआई में उपचार करवाते हैं। हाल ही में पीजीआई प्रशासन ने कैशलेश उपचार प्रदान करने के लिए हिमकेयर के साथ एक एमओयू साइन किया था। पीजीआई और हिमाचल प्रदेश के एचपी स्वास्थ्य बीमा योजना सोसायटी के बीच हिमकेयर कर धारकों को पीजीआई में कैशलेस उपचार सुविधा उपलब्ध करवाने को लेकर समझौता किया गया था। इसके बाद कैशलेश सुविधा के लिए पीजीआई में ट्रायल चलाया गया। इसे सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद शुक्रवार से मरीजों को कैशलेस की सुविधा मिलनी आरम्भ हो गई।
पीजीआई चंडीगढ़ में देश के कोने-कोने से लोग उपचार करवाने आते हैं, लेकिन हिमाचल के शिमला, सोलन, सिरमौर, किन्नौर व ऊना आदि के लोग यहां उपचार करवाने अधिक पहुंचते हैं। बिलासपुर में एम्स खुलने से मैदानी इलाकों के लोगों को तो वहां लाभ मिल रहा है, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों व ऊना के लोग पीजीआई का अधिक रुख करते हैं। ऐसे में हिमकेयर योजना के तहत पीजीआई में कैशलेस उपचार सुविधा मिलने से हिमाचल के मरीजों को पैसों के झंझट से निजात मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि हिमकेयर योजना में पांच लाख रुपए तक के कैशलैस उपचार लाभ की सुविधा है। हिमाचल प्रदेश में 1 जनवरी, 2019 से हिमकेयर योजना शुरू हुई है। प्रदेश की 25 लाख से ज्यादा की आबादी हिमकेयर कार्ड के तहत पंजीकृत है। इन सभी को सरकारी अस्पतालों के अलावा चिन्हित निजी अस्पतालों में भर्ती होने पर सालाना पांच लाख रुपये तक के निशुल्क इलाज की सुविधा मिल रही है।