पटना । बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर कर्पूरी ठाकुर की पोती डॉ जागृति ने कहा कि मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है। मैंने उन्हें देखा नहीं, किन्तु अपने माता-पिता से उनकी कहानियां सुनी हैं। डॉ। जागृति ने कहा कि हमें बहुत अच्छा लग रहा है। बहुत ही गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि हम उस परिवार से ताल्लुक रखते हैं, उनकी पोती हैं हम। उनकी काफी सारी कहानियां हैं। हमने अपने दादाजी को देखा नहीं है। माता-पिता ने हमें उनके बारे में बताया है कि वे जन-जन के नायक थे। वे निर्धन लोगों, असहायों के थे।
उन्होंने कहा कि दादा जी के साथ मेरी कोई यादें नहीं हैं, मगर घर में सब बताते हैं कि पहले गरीबों के बच्चे पढ़ नहीं पाते थे। अंग्रेजी में कमजोर होते थे, इस कारण वे फेल हो जाते थे। उन बच्चों के लिए दादाजी ने काम किया। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा की है। इस फैसले पर उनके बेटे रामनाथ ठाकुर ने कहा कि यह 34 वर्ष की तपस्या का फल है। उन्होंने बताया कि पीएम को भी इस बारे में चिट्ठी लिखी थी।
रामनाथ ठाकुर ने कहा कि 34 वर्षों का संघर्ष है, तब जाकर पिता कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिल रहा है। पीएम ने उन्हें यह सम्मान दिए जाने की मांग का जवाब तो नहीं दिया था, किन्तु अब इसकी घोषणा की है तो इससे वह बहुत खुश हैं। रामनाथ ठाकुर ने कहा कि बहुत खुशी है कि पिता को भारत रत्न दिया जा रहा है, जो कि देश का सर्वश्रेष्ठ सम्मान है। रामनाथ ठाकुर जदयू के नेता हैं। वह अभी राज्यसभा सांसद हैं।