Sunday, September 22, 2024
No menu items!

कागज न दिखा पाने वाले शरणार्थियों का क्‍या होगा? अमित शाह ने खोजा निकाला अगला रास्‍ता

"Citizenship Law CAA Will Never Be Taken Back," Asserts Amit Shah

नई दिल्‍ली । CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद अब नियमों को लेकर चर्चाएं हैं। इसी बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दस्तावेजों से जुड़े नियम पर स्थिति साफ की है। उनका कहना है कि सरकार ऐसे प्रवासियों के लिए नियम बनाने का काम कर रही है, जिनके पास कागज नहीं हैं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने साफ किया है कि CAA के तहत किसी की नागरिकता छीनी नहीं जा सकती।

शाह ने गुरुवार को कहा कि CAA में ऐसे गैर-मुस्लिम प्रवासियों के लिए कोई प्रावधान नहीं है, जिनके पास जरूरी दस्तावेज नहीं हैं। फिलहाल, सीएए के तहत भारत की नागरिकता पाने के लिए दो दस्तावेज बेहद जरूरी है। इनमें एक दस्तावेज यह साबित करता हो कि नागरिकता हासिल करने की कोशिश कर रहा व्यक्ति पात्र देशों से ही आया हो।

वहीं, दूसरे जरूरी डॉक्युमेंट के जरिए यह दिखाना होगा कि वे 31 दिसंबर 214 के पहले भारत आए थे। खास बात है कि सोमवार को ही सरकार ने नागरिकता के लिए अवधि को 11 साल से घटाकर 5 साल कर दिया है।

एएनआई को दिए इंटरव्यू में शाह ने बताया कि सरकार का अनुमान है कि नागरिकता के लिए प्रयास कर रहे 85 फीसदी लोगों के पास जरूरी कागज हैं। साथ ही उन्होंने जानकारी दी है कि सरकार जल्द ही उन लोगों के लिए भी विकल्प की तलाश करेगी, जिनके पास दस्तावेज मौजूद नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं, उनके लिए हम रास्ता खोजेंगे, लेकिन जिनके पास दस्तावेज हैं, ऐसे लोगों की संख्या 85 प्रतिशत है।’

क्या होगी प्रक्रिया

समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान शाह ने पूरी प्रक्रिया को भी समझाया। उन्होंने कहा, ‘समय निकालकर आवेदन करें। भारत सरकार आपको आपकी समय की सुविधा के हिसाब से इंटरव्यू के लिए बुलाएगी। सरकार आपको डॉक्युमेंट के ऑडिट के लिए बुलाएगी और फेस-टू-फेस इंटरव्यू होगा।

मुस्लिम भी कर सकते हैं आवेदन

शाह ने कानून के जरिए किसी की नागरिकता छिनने की बात से भी इनकार किया है। उन्होंने कहा कि कानून का मकसद मुस्लिम बहुल देशों में सताए जा रहे अल्पसंख्यकों की मदद करना है। भाजपा नेता ने यह भी कहा कि संविधान सभी धर्मों और समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता लेने की अनुमति देता है।

उन्होंने कहा, ‘मुसलमानों को भी नागरिकता के लिए आवेदन करने का अधिकार है। दरवाजे किसी के लिए भी बंद नहीं हैं।

RELATED ARTICLES

Most Popular