Sunday, November 24, 2024
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चुनावों से पहले गृह मंत्रालय का बड़ा एक्शन, यासीन मलिक के JKLF पर बढ़ाया 5 साल का बैन

Yasin Malik's long history of struggle | Latest News India - Hindustan Times

नई दिल्‍ली । मोदी सरकार लगातार देश विरोध संगठनों पर बड़ा एक्शन ले रही है। इसी कड़ी में अब शनिवार (16 मार्च) को गृह मंत्रालय ने जेल में बंद अलगाववादी नेता यासीन मलिक के जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) पर 5 साल का और प्रतिबंध बढ़ा दिया है।

यासीन मलिक के नेतृत्व वाले जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के अलावा जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग और चार जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग गुटों पर प्रतिबंध लगाया गया है। सरकार ने इनको ‘गैरकानूनी एसोसिएशन’ घोषित किया है। इन पर आतंक और अलगाववाद को बढ़ावा देने के आरोप में प्रतिबंध लगाया है।

 

केंद्र सरकार के फैसले की जानकारी साझा करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देने वाले किसी भी व्यक्ति को कठोर कानूनी परिणाम भुगतने होंगे।

जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के चार गुटों पर भी प्रतिबंध

उन्होंने बताया कि आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के चार गुटों जेकेपीएल (मुख्तार अहमद वाजा), जेकेपीएल (बशीर अहमद तोता), जेकेपीएल (गुलाम मोहम्मद खान) और याकूब शेख के नेतृत्व वाली जेकेपीएल (अजीज) पर ‘गैरकानूनी संघ’ के रूप में प्रतिबंध लगा दिया है। ये संगठन जम्मू-कश्मीर में आतंक भड़काने और अलगाववाद को बढ़ावा देने में शामिल थे।

आतंकी गतिविधियों में शामिल संगठनों को बख्शेगी नहीं

इसी के साथ अमित शाह ने आगे बताया कि मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग को पांच साल के लिए ‘गैरकानूनी एसोसिएशन’ के रूप में नामित किया है। संगठन ने आतंकवाद के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के अलगाव को बढ़ावा, सहायता और बढ़ावा देकर भारत की अखंडता को खतरे में डाला।मोदी सरकार आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों और संगठनों को बख्शेगी नहीं।

‘गैरकानूनी एसोसिएशन’ घोषित कर दिया

वहीं उन्होंने आगे बताया कि सरकार ने ‘जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (मोहम्मद यासीन मलिक गुट)’ को अगले पांच साल के लिए ‘गैरकानूनी एसोसिएशन’ घोषित कर दिया है। प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर में आतंक और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में लगा हुआ है। राष्ट्र की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देने वाले किसी भी व्यक्ति को कठोर कानूनी परिणाम भुगतने होंगे।

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