Saturday, November 23, 2024
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अब चर्चा में केशव मौर्य की चिट्ठी, आरक्षण को लेकर सीएम योगी से मांगी जानकारी, जानें

Keshav Prasad Maurya news: UP deputy CM Maurya's veiled dig at Yogi  Adityanath at BJP meet sets tongues wagging

लखनऊ । यूपी में नौकरियों में आरक्षण को लेकर सियासत तेज हो रही है। पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल द्वारा सीएम योगी आदित्‍यनाथ को लिखी एक चिट्ठी को लेकर काफी चर्चा हुई थी। अब डिप्‍टी सीएम केशव मौर्य की एक च‍िट्ठी चर्चा में है। डिप्‍टी सीएम ने सीएम योगी आदित्‍यनाथ के नियुक्ति और कार्मिक विभाग के अपर मुख्‍य सचिव को चिट्ठी लिखकर आउटसोर्सिंग और संविदा से नौकरी में आरक्षण का लाभ दिए जाने को लेकर जानकारी मांगी है।

कार्मिक विभाग को लिखी चिट्ठी, अब सोशल मीडिया पर वायरल

सोशल मीडिया पर एक चिट्ठी वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि यह डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग को लिखी है। इसमें लिखा है- ‘दिनांक 11 अगस्‍त को विधान परिषद में प्रश्‍नों की ब्रीफिंग के समय मेरे द्वारा कार्मिक विभाग के अधिकारियों से आउटसोर्सिंग/ संविदा पर कार्यरत कुल अधिकारियों/ कर्मचारियों की जानकारी चाही गई थी। जो सूचना विभाग के पास न होने के कारण मेरे द्वारा 16 अगस्‍त, 2023 को सूचनाएं एकत्र करने के साथ ही आरक्षण के संबंध में पूर्व में जारी किए गए शासनादेश का पूर्णत: पालन सुनिश्‍चित किए जाने हेतु लिखा गया था। अतएव उपरोक्‍त के संबंध में आरक्षण से संबंधित पूर्व में जारी किए गए शासनादेश के अनुसार समस्‍त विभागों की सूचनाएं एकत्र करते हुए संकलित कराकर मेरे अवलोकनार्थ प्रस्‍तुत की जाएं।’

अनुप्रिया पटेल ने भी उठाया था आरक्षण का मुद्दा

डिप्‍टी सीएम केशव मौर्य की यह च‍िट्ठी ऐसे वक्‍त में सामने आई है जब यूपी की सियासत में भाजपा संगठन और सरकार के बीच खींचतान की चर्चा जोरों पर है। जाहिर है लोग इसकी चर्चा अपने-अपने ढंग से कर रहे हैं। इसके पहले नौकरियों में आरक्षण को लेकर केंद्रीय मंत्री और अपना दल (एस) की प्रमुख अनुप्रिया पटेल ने भी सीएम योगी को च‍िट्ठी लिखी थी। उन्‍होंने आरोप लगाया था कि प्रदेश सरकार की साक्षात्कार वाली नियुक्तियों में ओबीसी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को यह कहकर छांट दिया जा रहा है कि वे योग्य नहीं है। नॉट फाउंड सुटेबल कहकर उन्‍हें नियुक्ति से रोक दिया जा रहा है। बाद में ऐसे पदों को अनारक्षित घोषित कर दिया जाता है।

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