Tuesday, September 24, 2024
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संदेशखाली हिंसा मामले में ममता बनर्जी का सुप्रीम कोर्ट रुख, कमेटी के नोटिस के बाद याचिका दायर

Sandeshkhali violence: 'Hotbed of communal riots', Mamata Banerjee blames  BJP for inciting conflict| 10 updates | Mint

नई दिल्‍ली । पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने संदेशखालि हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. ममता सरकार ने संसदीय एथिक्स कमेटी के नोटिस के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है। पश्चिम बंगाल में संदेशखालि घटना से संबंधित संसद आचार समिति के नोटिस के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। मामले पर पश्चिम बंगाल में राजनीतिक भूचाल आया हुआ है. ताजा घटनाक्रम में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है।

पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी समेत कई अधिकारियों को लोकसभा विशेषाधिकार समिति की तरफ से भेजे गए नोटिस के संबंध पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. बीजेपी के लोकसभा सांसद सुकांत मजूमदार की शिकायत पर विशेषाधिकार हनन पर नोटिस जारी हुआ था।

संदेशखाली जाने से रोकने के मामले में मजूमदार ने शिकायत की थी. अधिकारियों को आज ही विशेषाधिकार समिति के सामने पेश होना था. सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगाई दी है और 4 हफ्ते बाद सुनवाई होगी. इसके साथ ही कोर्ट ने लोकसभा सचिवालय, विशेषाधिकार समिति, सुकांत मजूमदार को नोटिस जारी किया है।

ममता सरकार पहुंची थी सुप्रीम कोर्ट

दरअसल, ममता सरकार ने संसदीय एथिक्स कमेटी के नोटिस के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था. मामले को आज तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में उल्लेखित किया गया।

कपिल सिब्बल ने क्या कहा?

सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने पश्चिम बंगाल में संदेशखाली घटना से संबंधित संसद आचार समिति के नोटिस के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका का सुप्रीम कोर्ट में उल्लेख किया. संसद की आचार समिति ने एक शिकायत पर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक सहित वरिष्ठ अधिकारियों को नोटिस जारी किया है. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, “राजनीतिक गतिविधियां विशेषाधिकार का हिस्सा नहीं हो सकतीं।

वहीं, महिलाओं के कथित उत्पीड़न को लेकर दायर याचिका पर भी आज सुप्रीम कोर्ट को सुनवाई करनी है. इस याचिका में मामले की सुनवाई और जांच पश्चिम बंगाल के बाहर कराने की मांग की गई है।

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