नई दिल्ली । कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा सरकार पर किसानों के आवाज को दबाने का आरोप लगाया है। खरगे ने केंद्र सरकार पर यह आरोप तब लगाया जब करीब हजारों की संख्या में किसान पंजाब से दिल्ली पहुंचे। खरगे ने बताया कि अधिकारियों ने किसानों को शहर में प्रवेश करने से रोका।
खगरे का केंद्र सरकार पर आरोप
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, ‘कंटीले तार, ड्रोन से आंसू गैस, कीले और बंदूकें सबका है इंतजाम तानाशाही मोदी सरकार ने किसानों की आवाज पर जो लगानी है लगाम। याद है ना आंदोलनजीवी व परजीवी कहकर किया था बदनाम, और 750 किसानों की ली थी जान ?’
कँटीले तार, ड्रोन से आँसू गैस, कीले और बंदूक़ें… सबका है इंतज़ाम,
तानाशाही मोदी सरकार ने किसानों की आवाज़ पर जो लगानी है लगाम !
याद है ना “आंदोलनजीवी” व “परजीवी” कहकर किया था बदनाम, और 750 किसानों की ली थी जान ?
10 सालों में मोदी सरकार ने देश के अन्नदाताओं से किए गए अपने… pic.twitter.com/9iUAzFeXgg
— Mallikarjun Kharge (@kharge) February 13, 2024
खरगे ने मोदी सरकार पर किसानों से किए तीन वादे तोड़ने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, ’10 वर्षों में मोदी सरकार ने देश के अन्नदाताओं से किए गए अपने तीन वादे तोड़े हैं।
2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी
स्वामीनाथन रिपोर्ट के मुताबिक लागत और 50 प्रतिशत एमएसपी लागू करना
एमएसपी को कानूनी दर्जा।’
मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहा, ‘अब समय आ गया है 62 करोड़ किसानों की आवाज उठाने का। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में आज कांग्रेस पार्टी किसान न्याय की आवाज उठाएगी। हमारा किसान आंदोलन को पूरा समर्थन है। न डरेंगे, न झुकेंगे।’
किसानों के मार्च पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘बातचीत के दौरान किसान नेताओं के एक्स हैंडल बंद किए जा रहे हैं। ये कैसा मुलाकात है? पिछले दो वर्षों में आपको समझ नहीं आया कि किसान क्या चाहते हैं?’
क्या है किसानों की मांग?
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी के अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों व कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफ करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
मंत्रियों के साथ किसानों की बैठक रही थी बेनतीजा
केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल के साथ सोमवार को किसानों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की। हालांकि, किसानों की मांगों को लेकर हुई यह बैठक बेनतीजा रही।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों ने अंबाला-शंभू, खनौरी-जींद और डबवाली सीमाओं से दिल्ली की ओर कूच करने की योजना बनायी है।