नई दिल्ली । ज्ञानवापी मस्जिद मामला कोर्ट में है। इसी बीच AIMIM यानी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने साफ कर दिया है कि मुस्लिम पक्ष अब कोई भी मस्जिद नहीं देगा।
‘हम कोई भी मस्जिद नहीं देंगे’
साथ ही उन्होंने बाबरी मस्जिद विध्वंस का जिक्र कर कहा है कि ‘हम देखेंगे कि क्या होता है।’ हाल ही में वाराणसी के एक कोर्ट ने व्यासजी के तहखाने में पूजा के अधिकार के आदेश जारी किए थे।
ओवैसी ने कहा, ‘हम कोई भी मस्जिद नहीं देंगे, बहुत हुआ। हम अदालत में लड़ाई लड़ेंगे। अगर दूसरा पक्ष 6 दिसंबर जैसा काम दोबारा करना चाहता है, तो हम देखेंगे कि क्या होता है। हम एक बार धोखा खा चुके हैं। हम दोबारा धोखा नहीं खाएंगे।’ 6 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहा दी गई थी।
हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे
समझौते की संभावनाओं पर उन्होंने कहा, ‘मैं साफतौर पर कहा रहा हूं कि यह ऐसे खत्म नहीं होगा। हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और अदालतों को दिखाएंगे कि हमारे पास क्या दस्तावेज हैं।’ उन्होंने कहा, ‘ज्ञानवापी में हम नमाज पढ़ रहे हैं। बाबरी मस्जिद मामले में तर्क दिया गया था कि आप (मुसलमान) वहां नमाज अदा नहीं करते हैं। यहां हम लगातार नमाज पढ़ रहे हैं। यहां तक कि साल 1993 तक यहां कोई पूजा नहीं हुई थी।’
मस्जिद के नीचे हिंदू धर्म से जुड़ी चीजें मिलने को लेकर उन्होंने कहा, ‘कल अगर हम राष्ट्रपति भवन खोदने लगेंगे तो हमें कुछ न कुछ मिलेगा। हम उस जगह पर सैकड़ों सालों से नमाज पढ़ रहे हैं।’ इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के मुसलमानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में भरोसा नहीं है।
तहखानों का एएसआई से सर्वेक्षण कराने की याचिका दायर
पीटीआई भाषा के अनुसार, वाराणसी जिला न्यायाधीश की अदालत में एक महिला ने सोमवार को याचिका दाखिल कर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में बंद अन्य सभी तहखानों का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वेक्षण कराने की मांग की है। जिला अदालत ने अर्जी पर सुनवाई के लिए छह फरवरी की तारीख तय की है। विश्व वैदिक सनातन संघ की संस्थापक सदस्य और मां श्रृंगार गौरी मामले में एक पक्षकार राखी सिंह ने यह याचिका दाखिल की है, जिनकी पहले की एक याचिका पर एएसआई सर्वेक्षण हुआ था।