कोलकाता । पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हुए बवाल को लेकर ममता सरकार विपक्ष के निशाने पर है। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सीएम ममता बनर्जी पर हमलावर हैं तो दूसरी तरफ स्थानीय लोगों ने मोर्चा खोल दिया है।
इस बीच टीएमसी सांसद नुसरत जहां ने संदेशखाली मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी और ममता सरकार का समर्थन किया। इस मामले में नुसरत जहां की चुप्पी पर सवाल उठ रहे थे तो उन्होंने अपनी सफाई पेश की। तृणमूल कांग्रेस सांसद नुसरत जहां ने एक्स पर पोस्ट किया कि सरकार संदेशखाली में शांति बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठा रही है। इस मामले में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा मामला दिल दहला देने वाला है। एक महिला और एक जनप्रतिनिधि के तौर पर मैंने हमेशा अपनी पार्टी के निर्देशों का पालन किया है और लोगों की सेवा की है।
हम कानून से ऊपर नहीं: टीएमसी सांसद
नुसरत जहां ने अपने पोस्ट के साथ एक अखबार की कटिंग भी शेयर की है। उन्होंने लिखा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही संदेशखाली में मदद भेज चुकी हैं और लोगों के हित में जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। हम कानून से ऊपर नहीं हैं इसलिए इसका पालन करना चाहिए और प्रशासन का साथ देना चाहिए।’ मैंने अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों की सुख-दुख में सच्ची सेवा की है। मैंने सदैव पार्टी के निर्देशानुसार कार्य किया है।
राज्य सरकार और प्रशासन पर भरोसा करना चाहिए: नुसरत जहां
उन्होंने आगे कहा कि मेरा मानना है कि हमें राज्य सरकार और प्रशासन पर भरोसा रखना चाहिए। गलत की हमेशा निंदा की जाती है और होती रहेगी। हमें एक-दूसरे पर दोषारोपण करने से बचना चाहिए और शांति बनाए रखने के लिए एक साथ आना चाहिए न कि हंगामा करना चाहिए।’ हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा और कल्याण है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन किसके बारे में क्या कह रहा है। मैंने पहले भी कहा है और फिर दोहराऊंगा कि राजनीति बंद करो।
मैसेज के तहत क्या है विवाद?
संदेशखाली तब चर्चा में आया जब ईडी और सीआरपीएफ की टीम ने टीएमसी नेता शेख शाहजहां के घर पर छापेमारी की। संदेशखाली उत्तर 24 परगना जिले में स्थित है, जहां पिछले दिनों टीएमसी नेताओं की एक रैली के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान कई लोगों के घर जला दिए गए। इसके बाद संदेशखाली की महिलाओं ने टीएमसी नेता शेख शाहजहां और उनके भाई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया। इस मामले में स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।