बलिया। प्रदेश के आखिरी छोर पर स्थित बलिया और बिहार के आरा के बीच नई रेल लाइन को हरी झंडी मिल गई है। रेलवे बोर्ड ने इसके लिए कार्यदायी संस्था गति शक्ति को एक करोड़ 55 लाख रुपए स्वीकृत किए हैं। जिसके बाद फाइनल सर्वे और डीपीआर बनाने में तेजी आएगी।
सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त ने पिछले साल जनवरी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बलिया-आरा नई रेल लाइन के लिए आग्रह किया था। जिसके बाद प्रधानमंत्री के निर्देश पर रेलवे बोर्ड ने शुरुआत में 78 करोड़ की धनराशि सर्वे और डीपीआर के लिए जारी किए थे।
सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त ने बताया कि तीन फरवरी को रेलवे बोर्ड ने एक करोड़ 55 लाख फाइनल सर्वे और डीपीआर बनाने के लिए जारी किए हैं। उम्मीद है जल्द ही डीपीआर तैयार हो जाएगा। उन्होंने बताया कि शुरू में दो मार्गों का सर्वे किया गया था। एक महुली और बकुल्हा के रास्ते और दूसरा सोनवानी-नौनीनोर के रास्ते नई रेल लाइन बिछाने पर बात चल रही थी। महुली और बकुल्हा के रास्ते में जमीन दलदली होने के कारण रेलवे बोर्ड ने सोनवानी-नैनीजोर होते हुए आरा तक रेल लाइन की मंजूरी दे दी है। इसी सिलसिले में टेंडर आदि प्रक्रिया के लिए करीब डेढ़ करोड़ जारी किए गए हैं।
सांसद मस्त ने कहा कि इस नई रेल लाइन के बन जाने से बलिया से आरा की दूरी 36 किलोमीटर कम हो जाएगी। वहीं, दोनों प्रदेशों के लोगों के जीवन में खुशहाली आएगी। आवागमन में सुविधा के साथ ही रोजगार बढ़ेगा। जिला दिल्ली और हावड़ा मेन लाइन से सीधे जुड़ जाएगा। उन्होंने उम्मीद जतायी कि अगले तीन सालों में यह रेल लाइन बन कर तैयार हो जाएगी। इसमें 2300 करोड़ की लागत आने का अनुमान है। इस नई रेल लाइन पर गंगा नदी पर नैनीजोर के पास पुल बनेगा। जबकि कुल छह रेलवे स्टेशन बनेंगे। सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त ने इस बड़े प्रोजेक्ट के लिए प्रधानमंत्री मोदी को आभार जताया है।