नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आरआर स्वैन ने सोमवार को घाटी की क्षेत्रीय पार्टियों पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि इन पार्टियों की वजह से ही पाकिस्तानी आतंकवादी कश्मीर में घुसपैठ करने में कामयाब हुए हैं। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि मुख्यधारा के राजनीतिक दलों ने आतंकी नेताओं को तैयार किया ताकि वह चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर सके। एएनआई ने डीजीपी के हवाले से बताया, ‘घाटी में तथाकथित मुख्यधारा या क्षेत्रीय राजनीति की बदौलत पाकिस्तान कश्मीर में घुसपैठ कर पाया। यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि कई लोगों ने खरगोश के साथ दौड़ने और भेड़ियों के साथ शिकार करने की कला सीख ली थी, जिससे आम आदमी और सुरक्षाबल दोनों ही डर गए थे और भ्रमित हो गए थे।’
आतंकवाद में नए लोगों को शामिल करने की इजाजत
बातचीत के दौरान स्वैन ने आरोप लगाया कि सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए आतंकवादियों के घर जाना और सार्वजनिक रूप से उनके प्रति सहानुभूति व्यक्त करना इन लोगों के लिए आम बात है। उन्होंने कहा, “आतंकवाद में नए लोगों को शामिल करने की इजाजत दी गई और उसे प्रोत्साहित भी किया गया, लेकिन भर्ती में मदद करने वालों और वित्तीय व्यवस्था करने वालों की कभी जांच नहीं की गई। एसपी रैंक के अधिकारियों को आतंकवादियों के साथ गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया, जबकि उन्होंने कभी कोई अपराध नहीं किया था।”
घाटी में हड़ताल और दंगे की घटना हुई
डीजीपी ने 2014 में त्राल में एक कुएं में डूबकर दो लड़कियों की मौत का जिक्र करते हुए कहा, “2014 में दो लड़कियों की डूबने से हुई मौत को आतंकवादियों द्वारा अपहरण का नाम दिया गया जिसके बाद घाटी में हड़ताल और दंगे भी हुए। हालांकि सीबीआई जांच और एम्स फोरेंसिक से यह साफ हो गया कि यह सिर्फ एक एक्सीडेंट था।”
हमारे लिए एक बड़ी चुनौती
डीजीपी की यह टिप्पणी भारतीय सेना द्वारा जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में एलओसी पार घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे तीन आतंकवादियों को मार गिराने के बाद आई है। जम्मू-कश्मीर के शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा, “घाटी में बहुत ज्यादा आतंकी नहीं हैं लेकिन यह जरूरी बात नहीं है, क्योंकि यह लोग किसी के प्रति जिम्मेदार नहीं हैं। अगर एक गैरजिम्मेदार शख्स भी यहां अंधाधुंध हत्या करने के लिए भेजा जाता है, जिसका उद्देश्य सिर्फ हिंसा फैलाना है, तो यह हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है।”