जयपुर। भाजपा को अपने वैचारिक मार्गदर्शक की आलोचना का सामना करना पड़ा, भाजपा को अहंकार की उपमा से अलंकृत किया गया। दरअसल आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने हाल के लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के लिए अहंकार को जिम्मेदार ठहराया। जयपुर के निकट कनोता में गुरुवार को एक कार्यक्रम इंद्रेश कुमार ने कहा, जिन्होंने भगवान राम की भक्ति की, वे धीरे-धीरे अहंकारी हो गए। उस पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी घोषित किया गया, लेकिन अहंकार के कारण भगवान राम ने उन्हें 241 पर रोक दिया।
यह टिप्पणी भाजपा पर लक्षित प्रतीत होती है, जिसने लोकसभा चुनावों में 240 सीटें जीतीं, लेकिन बहुमत का आंकड़ा पार करने में विफल रही। यह 2014 के बाद से पार्टी का सबसे खराब प्रदर्शन भी था। विपक्षी गठबंधन का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, और जिन लोगों की राम में आस्था नहीं थी, वे सब मिलकर 234 पर रुक गए। भगवान का न्याय सच्चा और सुखद होता है। लोकसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक ने 234 सीटें हासिल कीं।
आरएसएस नेता की यह टिप्पणी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा सार्वजनिक सेवा में विनम्रता के महत्व पर दिए गए उपदेश के कुछ दिनों बाद आई है। भागवत ने कहा, एक सच्चा सेवक मर्यादा बनाए रखता है। वह काम करते समय मर्यादा का पालन करता है। उसके अंदर यह अहंकार नहीं होता कि वह कहे कि मैंने यह काम किया। केवल वही व्यक्ति सच्चा सेवक कहलाता है। भागवत ने अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों का हवाला देते हुए सभी के प्रति विनम्रता और सद्भावना की आवश्यकता पर भी बल दिया।