पटना। आईएएस अफसर व बिहार सरकार में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के दरवाजे तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पहुंचा देने वाली महिला वकील को चुप कराने के लिए दोनों ने उनके खाते में 90 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। यही नहीं उन्हें 20 लाख की एक गाड़ी भी दी थी। उधर, महिला ने अपने बच्चे को बाप का नाम दिलाने के लिए दोनों के खिलाफ ऐसा मोर्चा खोला कि जहां थाने में रेप केस दर्ज हुआ वहीं धन-शोधन निवारण कानून के दायरे में ईडी ने दोनों के चार ठिकानों पर धावा बोल दिया। अब हाल ये है कि संजीव हंस और गुलाब यादव चौतरफा शिकंजे में कस गए हैं। रेड में जो कागजात और लेनदेन की जानकारी मिली है, उससे ईडी के अगले कदम को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है।
ईडी ने बुधवार को महिला वकील का भी बयान दर्ज किया था। महिला ने संजीव हंस और गुलाब यादव के खिलाफ बलात्कार, प्रलोभन, धोखाधड़ी समेत अन्य आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है। महिला बिहार की रहने वाली है लेकिन प्रैक्टिस इलाहाबाद हाईकोर्ट में करती हैं। महिला ने ईडी को बताया कि संजीव हंस और गुलाब यादव ने इस मामले को खत्म कराने के लिए उनके खाते में 90 लाख ट्रांसफर किए थे और करीब 20 लाख रुपये की एक गाड़ी भी खरीद कर दी थी। ईडी महिला के बयान की भी जांच कर रही है।
बताते चलें कि महिला वकील ने 2021 में थाना में केस दर्ज ना होने पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और कोर्ट के आदेश पर संजीव हंस और गुलाब यादव पर अब पुलिस एफआईआर दर्ज कर जांच कर रही है। इस महिला का आरोप है कि 2016 में विधायक रहे गुलाब यादव ने उन्हें बिहार राज्य महिला आयोग की सदस्य बनाने का झांसा देकर घर बुलाया और रेप किया। इसके बाद 2016 से 2019 तक गुलाब यादव और संजीव हंस ने दिल्ली और पुणे के कई होटलों में महिला वकील के साथ जबरन संबंध बनाया।
महिला एक बार गर्भवती हो गई तो दोनों ने अबॉर्शन करवा दिया। लेकिन दूसरी बार गर्भवती होने पर महिला ने 2018 में एक बेटे को जन्म दिया। महिला का आरोप है कि संजीव हंस इस बेटे के बाप हैं। महिला ने बेटे और संजीव हंस की डीएनए जांच कराने के लिए हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटा रखा है।