मुंबई । महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले ही महाविकास आघाड़ी (मविआ) के सहयोगी दलों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद उभर आए। मविआ में शामिल शिवसेना (यूबीटी) चुनाव में मुख्यमंत्री पद का चेहरा पहले से तय करने की इच्छुक है, जबकि राकांपा (एसपी) मुख्यमंत्री का चेहरा चुनाव बाद चुनने की बात कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि महाविकास आघाड़ी की बैठक में जो तय होगा, वहीं अंतिम माना जाएगा।
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राऊत ने गुरुवार को सुबह पत्रकारों को बताया कि विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा जरुरी है। बिना मुख्यमंत्री के चेहरे से विधानसभा चुनाव में नुकसान हो सकता है। उद्धव ठाकरे राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उनका काम जनता ने देखा है। इसी वजह से लोकसभा चुनाव में सूबे की जनता ने उद्धव ठाकरे को देखकर मतदान किया है। संजय राऊत ने साफ तो नहीं कहा, लेकिन उद्धव ठाकरे को मविआ का मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए जाने का संकेत दिया है।
राकांपा (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि मविआ में मुख्यमंत्री पद किसे दिया जाएगा, यह चुनाव के बाद बैठक में तय होगा। विधानसभा चुनाव से पहले इस विषय पर चर्चा करने से आपस में नाराजगी बढ़ सकती है, इसका असर चुनाव परिणाम पर पड़ेगा। इसलिए चुनाव से पहले कोई भी मुख्यमंत्री पद की बात न करें। राकांपा विधायक और शरद पवार के पोते रोहित पवार ने कहा कि महाविकास आघाड़ी का लक्ष्य सत्ता में आना है, मुख्यमंत्री पद का चुनाव गौड़ विषय है। इस विषय पर चुनाव बाद चर्चा की जाएगी।
कांग्रेस के नेता विजय बडेट्टीवार ने कहा कि मुख्यमंत्री पद और सीटों का बंटवारा मविआ की बैठक में ही तय होगा। इस संबंध में बाहर बात करना ठीक नहीं है। मविआ के सहयोगी दलों के नेताओं की बैठक होगी और इसके बाद इसके बारे में निर्णय लिया जाएगा, जो अंतिम रहेगा।