गांव में रोजगार उपलब्ध होने महिलाओं आर्थिक स्थिति सुधारी
पालघर / संजय सिंह ठाकुर : पालघर जिले के विक्रमगढ़ तहसील में स्थित ‘’टेटवाली बाम्बू हस्तकला बचत गट’’ की गरीब आदिवासी महिलाओं द्वारा बनाई गई बांस की करीब 15 हजार राखी सरहद पर पहुंच चुकी है । यह राखी देश की सुरक्षा के लिए तैनात देश के वीर जवानों की कलाई पर बांधी जाएगी।
पिछले कई सालों से जिले के आदिवासी ग्रामीण इलाको में केशव सृष्टि बांस से कंदील , राखी , टेबल समेत बिभिन्न प्रकार की वस्तु बनाने के लिए हस्तकला का ट्रेंनिग देकर आदिवासी महिलाओं को सक्षम और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हस्तकला की ट्रेंनिग देकर उन्हें सक्षम और आत्मनिर्भर बना रहा है।
वही महिलाओं का कहना है कि बांस की राखी का बाजार में बहुत मांग है । इस वर्ष उन्होंने 35 हजार राखियां बनाई है। जिसमें 15 हजार राखी सरहद पर गयी है और बाकी की 20 हजार राखी मुंबई समेत अन्य बाजार में बिकने के लिए गयी है। इस राखी को बनाने में करीब सात सौ महिलाएं पिछले दो महीनों से जुटी हुई थी | यह रोजगार उनके गांव में ही महिलाओं को उपलब्ध हुवा है । खेती और घर का काम करने के बाद बाकी के समय मे वह दीवाली में कंदील ,टेबल , रक्षाबंधन के त्योहार में राखी समेत बांस से तमाम चीजे बनाती है । जो पर्यावरण की दुर्ष्टि से पर्यावरण की रक्षा करता है ।
इस रोजगार के पहले उनकी आर्थिक स्थित बहुत खराब थी, पैसे की तंगी के कारण प्रति वर्ष वह अपने भाई की कलाई पर राखी नही बांध पाती थी , अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नही दे पा रही थी , उनकी और उनके बच्चों की शिक्षा अधूरी रह गयी थी । लेकिन अब वह अपने बच्चों को पढ़ा रही है , दर्जनों महिलाओं ने 20 वर्ष बाद अब इस वर्ष 10 वीं की परिक्षा को पास किया है । और वह अब आगे भी पढ़ना चाहती है। उनकी आर्थिक स्थित में भी तेजी से सुधार हो रहा है । हस्तकला में निपुण हुई यह महिलाएं अब इतनी सक्षम और आत्मनिर्भर हो चुकी है कि केशव सृष्टि और नाबार्ड की सहायता से विक्रमगढ़ बाम्बू उद्योग प्रोडूसर कंपनी लिमिटेड नामक कंपनी की स्थापना कर वह महाराष्ट्र समेत देश के दूसरे राज्यों में जाकर बांस से बनी विभिन्न प्रकार के वस्तुओं का मार्केटिंग कर रही है।