नई दिल्ली । जब-जब बॉलीवुड (Bollywood)के विलेन की बात होती है, तब-तब आशुतोष राणा (Ashutosh Rana)का नाम भी याद किया जाता है. अपने दमदार अभिनय (acting)से आशुतोष राणा ने दर्शकों (audience)के दिलों में छाप छोड़ी है. विलेन बने आशुतोष राणा और हीरो की लड़ाई तो आपने कई बार देखी होगी, लेकिन शायद ही जानते होंगे वो असल जिंदगी में भी पुलिस वालों की पिटाई कर चुके हैं. ऐसा क्यों किया जान लीजिए.
आशुतोष राणा का नाम आते ही उनके विलेन वाले वो दमदार किरदार जहन में आ जाते हैं, जो उन्होंने फिल्मों में निभाए हैं. आशुतोष राणा एक ऐसे अभिनेता हैं, जिनके महज चेहरे के एक्सप्रेशंस से ही हीरो की रूह कांप उठती थी. ‘आवारापन’ के गैंगस्टर मलिक को कैसे भुलाया जा सकता है? आशुतोष राणा की दमदार एक्टिंग देख मुंह से निकल ही जाता है, एक्टर हो तो ऐसा. अपनी एक्टिंग से छाप छोड़ चुके आशुतोष राणा ने छात्र राजनीति के दिनों का एक किस्सा शेयर किया है।
फिल्मों में विलेन बनने वाले आशुतोष राणा को आपने हीरो की पिटाई करते हुए तो देखा ही होगा? कई बार खुद भी पिटे होंगे. लेकिन ऐसा सिर्फ ऑनस्क्रीन ही नहीं, बल्कि आशुतोष राणा रियल लाइफ में भी कर चुके हैं. ऐसा हम नहीं बल्कि खुद एक्टर ने खुलासा किया है. अब हमारी जिज्ञासू जनता सोच रही होगी, आखिर ऐसा हुआ तो हुआ क्यों, चलिए बताए देते हैं।
आशुतोष राणा ने क्यों की पुलिस वालों की पिटाई?
आशुतोष राणा ने हाल ही में अपने छात्र जीवन को याद करते हुए एक पुराना किस्सा शेयर किया. दरअसल वो लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू के दौरान बताते हैं कि, हर दिन शाम को उनका एक नियम होता था कि, जब वो सिविल लाइन्स जाते थे. ये काफ़ी गुलज़ार जगह होती थी. ऐसे में यूनिवर्सिटी के बाद एक-दो घंटे का वक़्त वो इसी जगह पर बिताते थे. दरअसल इस जगह पर सत्संग होता था. इस दौरान एक्टर ने अपने कुछ दोस्तों का ज़िक्र भी किया।
”आशुतोष राणा बोले: सिविल लाइन्स में काका का एक हेयर सलून था. वो हमारा अड्डा था और मैं वहां पर बैठा था. मुझे दोस्त विनय ने बताया कि, मनीष और डी गोपाल को पुलिस ने बहुत पीटा. तब वहां एक मोबाइल स्क्वाड बनी थी, जिसमें 6-6 फीट के जवान होते थे. इस दौरान वहां एक थाना प्रभारी और सिपाही था, जो मेरे दोस्त को पीट रहे थे. मार पिटाई में मामला बदल गया और जब मामला बदला तो मुझे पता लग गया था ये यहां नहीं निपटेगा. हमनें मदान से कहा तुम यूनिवर्सिटी हॉस्टल पहुंचो. इसके पहले हम गोपालगंज थाने पहुंचे तुम हॉस्टल से पहाड़ी उतरकर बाल बच्चे वहां पर इकट्ठा हो जाओ।
एक्टर ने बताया कि, अगले दिन इंग्लिश का पेपर था, लेकिन बोल दिया गया था तो वहां सब पहुंच गए. इस दौरान आशुतोष राणा ने बेल्ट वगैरह खोलकर पुलिस वालों को खूब मारा. उन्होंने आगे बताया, मैं जानता था कि, भागूंगा तो भी वो मुझे पकड़ लेंगे और वहीं से मारते हुए वापस लाएंगे. ऐसे में एक्टर खुद ही वैन में बैठ गए।
पुलिस वालों को पीटकर खुद ही वैन में बैठ गए
अभिनेता ने इस दौरान बताया कि, जैसे ही वो पुलिस स्टेशन पहुंचे तो वहां 1,500 छात्रों ने उन्हें घेर लिया. आशुतोष राणा के लिए कई राजनेताओं की तरफ से कॉल आ गए थे. ऐसे में उन्हें अंदर तो बंद नहीं किया गया लेकिन वहीं एक कमरे में रख दिया गया था. अगले दिन इंग्लिश का पेपर था और उसी बीच पुलिस वाले उन्हें न छोड़ने की बात पर अड़ गए. मामला बढ़ता ही चला गया था, लेकिन छात्र नेताओं ने एक्टर का हाथ नहीं छोड़ा. सुबह 6 बजे का वक्त था, जब उन्हें मजिस्ट्रेट के बंगले में ले जाया गया. वहीं मामला सुलझ गया और उन्हें जमानत मिल गई।
” आशुतोष आगे बताते हैं: मैंने परीक्षा दी और उसके बाद सिविल लाइन्स पहुंचकर भूख हड़ताल पर बैठ गए. हम पुलिस को निलंबित करने की मांग कर रहे थे. बिना छात्रों के छेड़कानी के उनकी पिटाई की गई. मुद्दा बढ़ता चला गया और हम इंदौर जा पहुंचे, जहां तत्कालीन मुख्यमंत्री एक प्रोग्राम में हिस्सा ले रहे थे. हम अंदर घुस गए और उनकी ही कार में जाकर बैठ भी गए।
इस दौरान एक्टर ने मुख्यमंत्री को ही कह दिया, कि उनका किसी मुद्दे पर ध्यान नहीं है, जो कुछ हो रहा है. ये मामला होने के बाद तबादला कर दिया गया. हालांकि, उन्होंने ये भी खुलासा किया कि, जब-जब छात्र राजनीति पर प्रतिबंध लगा है. वो तब-तब टूटा हुआ महसूस करते थे. हालांकि, बाद में एक्टर दिल्ली आ गए और वहां नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लिया।