सुशांत सिंह राजपूत की बहन श्वेता कीर्ति इस वक्त इंडिया में हैं। भाई के गुजरने के बाद वह कई दिनों तक साधना में रहीं। इसके बाद एक किताब लिखी है जिसका नाम है ‘Pain’। भारत में वह इस किताब का प्रमोशन कर रही हैं इस सिलसिले में मीडिया से भी बातचीत हो रही है।
श्वेता पहले बता चुकी हैं कि उन्हें सुशांत के होने का आभास होता रहता है। अब एक और इंटरव्यू वायरल है जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें क्यों लगता है कि सुशांत का मर्डर हुआ। इतना ही नहीं श्वेता ने बताया कि सुशांत की मौत के पहले उन्हें अजीब सी उलझन हो रही थी।
एक दिन पहले हो रही थी उलझन
14 जून 2020 को सुशांत सिंह राजपूत के निधन की खबर ने सबको हिलाकर रख दिया। उनकी बहन ने यूट्यूब चैनल संवाद को बताया कि 13 की रात उन्हें अजीब सी उलझन हो रही थी। श्वेता ने बताया कि सुशांत की मौत की एक रात पहले 13 तारीख को वह बहुत रेस्टलेस फील कर रही थीं। अपने पति से मौत के बारे में बात कर रही थीं।
मौत के बारे में बातें कर रही थीं श्वेता
श्वेता बोलती हैं, मैं खुद को समझा रही थी कि डेथ का मतलब नहीं कि कोई बिल्कुल चला गया। रात 9:30 से 10 बजे के आसपास ये थॉट आ रहा था। देर रात 1:30 बजे विशाल (पति) का फोन बज रहा था। उसने बोला कि गुलशन नहीं रहा। श्वेता बताती हैं कि उनकी बॉडी फ्रोज हो गई। वह बोलीं, जब ऐसा होता है तो कुछ मुझे प्रोटेक्ट कर लेता है।
आखिरी बार नहीं कह सकीं बाय
श्वेता बोलीं, फोन पर रानी दी के कॉल थे। वो रो रही थीं। ऐसा कुछ होता है तो दिमाग काम करना बंद कर देता है। हम सर्वाइवल मोड में चले जाते हैं। मैं कैलिफोर्निया में थी। अंतिम संस्कार हो रहा था। बुरा लग रहा था कि आखिरी बार बाय करने का मौका भी नहीं मिला।
लगता है बुरा सपना
श्वेता ने कहा, जब आप किसी को लास्ट टाइम नहीं देखते हो तो यकीन नहीं होता है कि इंसान चला गया। मुझे कभी-कभी लगता था कि बुरा सपना था, लगता था कि कोई जगा देगा तो सब ठीक हो जाएगा।
12 जून को परेशान थे सुशांत
श्वेता ने ब ताया कि 12 जून को उनकी सुशांत से बात हुई थी। तब वह भाई के पास थीं। वह परेशान दिख रहा था। उसने बात नहीं की।कॉल पर दिख रहा था। मैंने फ्लाइंग किस किया तो उसने जवाब दिया था। रूबी दी को बोला का कात्या के पास जाओ, वो अकेली है।
क्यों खराब थे सारे सीसीटीवी
श्वेता ने बताया कि उन्हें लगता है कि सुशांत अपनी जान नहीं ले सकते। बताया कि पहले लगा ही नहीं था कि मर्डर है। श्वेता इस मामले में बात करने से बच रही थीं हालांकि बताया कि क्यों लगा कि कुछ गड़बड़ है। श्वेता ने बताया कि उन्हें हैरानी हुई कि वहां कोई सीसीटीवी कैमरा काम नहीं कर रहा था। सुशांत ने जिस बेड से फांसी लगाई वहां कोई स्टूल नहीं था।
श्वेता को नहीं मिल पाए ये जवाब
बेड और पंखे के बीच इतनी ऊंचाई नहीं थी कि स्टूल रखना पड़े। उन्होंने कहा कि अगर सुशांत के हाथ पंखे तक पहुंच गए होंगे और उन्होंने फांसी लगाई होगी तो बॉडी की ऑटोमैटिक प्रॉसेस के तहत पैर बेड पर लग जाने चाहिए थे। श्वेता बोलीं, सफोकेशन होगा बेड पर पैर तो रखोगे। अगर पैर रखे होते तो जान बच जाती। श्वेता का कहना है कि वे लोग समझ नहीं पा रहे कि जान कैसे गई। वह बोलीं, हमारे अंदर एक घाव है कि पता नहीं कि हुआ क्या। सीबीआई कुछ तो बता दे। हमें कुछ नहीं चाहिए बस बता दे ताकि हम सब हील हो सकें।