Saturday, September 28, 2024
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गजल गायक पंकज उधास के निधन से टूटे सिंगर सोनू निगम, कहा- सबसे खास हिस्सा आज खो गया

Pankaj Udhas: True to tradition - The Sunday Guardian Live

नई दिल्ली । जाने-माने गजल गायक पंकज उधास का निधन हो गया है. वो इस दुनिया नहीं रहे. वो अपनी आवाज से लाखों दिलों पर राज करते थे. पंकज उदास पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे, कैंसर की वजह से उनकी सेहत बिगड़ गई थी. अब सिंगर के निधन पर सोनू निगम में पोस्ट शेयर किया है।

सोनू निगम ने इंस्टाग्राम पर पंकज उधास की एक तस्वीरे शेयर कर अपना दुख जयाता है. उन्होंने कैप्शन में लिखा- मेरे बचपन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा आज खो गया है, पंकज उधास जी, मैं आपको हमेशा याद करूंगा. यह जानकर मेरा दिल रोता है कि आप नहीं रहे. वहां होने के लिए आपका शुक्रिया. शांति।

दोनों भाइयों ने उधास परिवार में गायकी शुरू की थी

पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के जैतपुर में हुआ था. वह तीन भाइयों में सबसे छोटे थे.उनके दोनों बड़े भाई मनहर और निर्मल उधास मशहूर गायक थे. इन दोनों भाइयों ने उधास परिवार में गायकी शुरू की थी. इसके बाद पंकज उधास भी अपने भाइयों के नक्श कदम पर चल दिए और गायिकी शुरू की. उन्होंने राजकोट की संगीत नाट्य अकादमी से चार साल तबला बजाना सिखा. इसके बाद पंकज उधास ने मास्टर नवरंग से शास्त्रीय संगीत गायिकी की बारीकियां सिखीं।

पद्मश्री पंकज उधास ने भारतीय संगीत को एक नयी उंचाई दी

पंकज उधास को बॉलीवुड में पहला मौका साल 1972 में आई फिल्म कामना से मिला था. संगीतकार ऊषा खन्ना की सलाह पर उनको इस फिल्म में गाने का मौका दिया गया था.यह फिल्म तो फ्लॉप रही लेकिन पंकज उधास के गाने की काफी तारीफ हुई थी.लेकिन उन्हें असली पहचान साल 1986 में आई अभिनेता संजय दत्त की फिल्म ‘नाम’ के गाने ‘चिठ्ठी आई है..’ से मिली थी.उसके बाद से उन्होंने कई फिल्मों के लिए अपनी रूहानी आवाज दी है.इसके अलावा उन्होंने कई एल्बम भी रिकॉर्ड किए हैं. साथ ही बेहतरीन गजल भी गाई हैं. पद्मश्री पंकज उधास ने भारतीय संगीत को एक नयी उंचाई दी है।

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