रांची । कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जाति जनगणना के महत्व पर जोर देते हुए मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद को ओबीसी कहते हैं और फिर भ्रमित हो जाते हैं। उन्होंने कहा, “जातिवार जनगणना महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर हम उन्हें भागीदारी देना चाहते हैं तो पहले आवश्यक है कि उनकी गिनती हो।”
झारखंड के गुमला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ये सवाल सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं बल्कि हिंदुस्तान की जनता का है।
उन्होंने कहा, “पीएम खुद को ओबीसी कहते हैं और फिर भ्रमित हो जाते हैं। पहले वह कह रहे थे कि भारत में केवल दो जातियां अमीर और गरीब हैं। भारत की 50 फीसदी आबादी ओबीसी वर्ग की है, दलित 15 फीसदी और आदिवासी आठ फीसदी हैं। हम जाति जनगणना चाहते हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर हम उन्हें भागीदारी देना चाहते हैं तो पहले उनकी गिनती करना जरूरी है।
स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली में दलित और आदिवासी
कांग्रेस नेता ने कहा, “यह सवाल सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं बल्कि भारत के लोगों का है। उदाहरण के तौर पर दिल्ली में 90 आईएएस में से केवल तीन ओबीसी हैं। आपको स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली में दलित और आदिवासी नहीं मिलेंगे। भारत की शीर्ष 100 कॉर्पोरेट कंपनियों में से किसी एक के ओबीसी मालिक का नाम बताइए। आपने अडानी, टाटा और बिड़ला का नाम सुना होगा लेकिन किसी ओबीसी का नाम नहीं सुना होगा। भारत में ऐसे अन्याय का कैसा देश होगा?”
नीतीश कुमार के जाने के बाद कोई असर नही
राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा फिलहाल झारखंड में है, जहां पिछले कुछ दिनों में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने और चंपई सोरेन के राज्य में नई सरकार बनाने से लेकर बड़े राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिले हैं।
इंडिया ब्लॉक पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ममता बनर्जी पूरी तरह से गठबंधन का हिस्सा हैं और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के जाने के बाद इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
पूरी तरह से भारत गठबंधन का हिस्सा
उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी पूरी तरह से भारत गठबंधन का हिस्सा हैं और अधिकांश अन्य सदस्य जो भारत गठबंधन का हिस्सा हैं, वे अभी भी भारत गठबंधन के सदस्य हैं। नीतीश कुमार ने गठबंधन छोड़ दिया है और वह भाजपा में चले गए हैं। आप अनुमान लगा सकते हैं उनके जाने के क्या कारण हैं। यह ठीक है। हम बिहार में भारत गठबंधन के रूप में लड़ेंगे। इसलिए मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि हमारे कई साथी गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं।’
राहुल गांधी ने कहा, “झारखंड में हमारी सरकार आदिवासी हितैषी सरकार है और भाजपा की सरकार आदिवासी विरोधी है। उन्होंने आदिवासियों की जमीन के साथ जो किया, हर कोई कह रहा है कि यह बहुत अनुचित था।